देहरादूनः उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी और भूस्खलन की वजह से बद्रीनाथ का रास्ता बंद कर दिया गया है. लामबगड में बारिश से हुए भूस्खलन के बाद पहाड़ी से गिर रहे बोल्डरों के कारण दोनों हिमालयी धामों की तीर्थयात्रा में मंगलवार को फिलहाल अस्थाई रूप से रोक लगा दी गई है.

केदारनाथ में सोमवार रात शुरू हुई भारी बर्फबारी मंगलवार सुबह तक जारी रहा. इस वजह प्रशासन ने श्रद्धालुओं को लिंचौली और भीमबली से आगे बढ़ने में रोक लगा दी. लगातार बर्फबारी होने से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा और स्थानीय विधायक मनोज रावत सहित आधा दर्जन से अधिक कांग्रेसी नेता भी केदारनाथ धाम में फंस गए हैं. श्रद्धालुओं को मौसम के साफ होने तक ​लिंचौली और भीमबली जैसे यात्रा पड़ावों पर प्रतीक्षा करेंगे.

इस बीच तेज हवा के साथ ओलों की बारिश हुई वर्तमान में केदारनाथ धाम में बर्फ की 2-3 इंच का परत जमा हुआ है. अपने समर्थकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने रविवार को केदारनाथ के लिए अपनी पैदल यात्रा आरंभ की थी. वहीं रूद्रप्रयाग के अपर जिलाधिकारी ने पुष्टि की है कि 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. लेकिन उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुआ है, ठंड से इसका कोई संबंध नहीं है.

 

बद्रीनाथ के समीप लामबगड़ में सुबह भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर टूट कर गिर रहे हैं. इस कारण एहतियातन ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया है. राजमार्ग बंद होने के कारण यात्रा अस्थाई रूप से रूक गई है. बारिश और मलबा गिरना कम होते ही मार्ग को यात्रा के लिए दोबारा से खोल दिया जाएगा.