रायपुर. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा जांच कराये गये पांच पानी के सेम्पल में से तीन में खतरनाक ई-कोलाई बैक्टीरिया मिलने पर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश टी.बी. राधाकृष्णन तथा न्यायमूर्ति शरद गुप्ता की युगल पीठ ने आदेशित किया कि रायपुर नगर निगम 24 अप्रैल तक बताये कि उसने क्या कदम उठाये और 24 अप्रैल के बाद रायपुर में कहीं भी ई-कोलाई पानी में नही मिलना चाहिये. इसके लिये युद्ध स्तर पर कार्य किया जावे. ई कोलाई बैक्टीरिया वह होता है जो पानी में मल के मिलने से पाया जाता है.

आज हुई सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा बताया गया कि रायपुर शहर में विभिन्न स्थानों से लिये गये पांच सेंपल में किसी भी जगह आवश्यक क्लोरिन की मात्रा नहीं पाई गई. DD नगर कंकाली पारा गुढ़ियारी में लिए गए सैंपल में ई कोलाई बैक्टीरिया पाया गया इसके अलावा DD नगर कंकाली पारा गुढ़ियारी कापा प्रियदर्शिनी नगर में लिए गए पानी के सैंपल में क्लोरीन नहीं पाया गया.

गौरतलब है कि मुकेश देवांगन द्वारा दायर की गई जनहित याचिका के तहत छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 3 सदस्यीय न्यायमूर्तियों की टीम द्वारा अक्टूबर 2017 में भी रायपुर शहर के विभिन्न स्थानों से पांच पानी के सेंपल लिये गये थे. उस वक्त भी पांच में से 3 सेंपल में ई-कोलाई बैक्टीरिया पाया गया था तथा किसी भी सेंपल में आवश्यक क्लोरीन नहीं मिला था.

तब निगम ने शपथ पत्र देकर बताया था कि नालियों से गुजरने वाली पानी की पाईप लाईन को हटा दिया जावेगा. आज हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्तियों ने कोर्ट के समक्ष आपत्ती दर्ज करवाई कि शासन की तरफ से पीलिया से रायपुर में मृत दोनों महिलाओं को दिये जाने वाले मुआवजा के लिये शासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.