छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों की बेहद धीमी गति के चलते आगामी गर्मी के मौसम में पत्थलगांव, बगीचा और फरसाबहार विकासखंड में पीने का पानी को लेकर लोगों की चिंता बढ़ने लगी है.

जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के बाद कलेक्टर रवि मित्तल ने पत्थलगांव, बगीचा कांसाबेल के गांवों में कार्यरत एक ऐजेंसी का अनुबंध निरस्त करने के निर्देश दिए हैं. वहीं दो अन्य ऐजेंसियों को शोकॉज नोटिस भी दिया गया है. कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को भी कड़ी चेतावनी तो दी है. लेकिन पीएचई विभाग के पास पेयजल समस्या का मुकाबला करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं होने से गांव-गांव में लोगों में पीने के पानी की चिंता बढ़ गई है.

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता एचके शेंडे ने बताया कि जल जीवन मिशन के कार्यों को करने वाली निर्माण ऐजेंसियों ने अपनी क्षमता से ज्यादा काम ले लिए हैं. इस वजह पेयजल समस्या निवारण के कार्य मे विलंब हो रहा है. उन्होंने बताया कि कलेक्टर की समीक्षा बैठक में धीमी गति से कार्य करने वाली ऐजेंसियों का अनुबंध निरस्त कर अब नए टेंडर जारी किए जा रहे हैं.

यहां जल जीवन मिशन के तहत

घर घर नलजल योजना की लेटलतीफी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ते जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके हेंडपम्प निकाल कर मोटरपम्प और पानी टंकी तो लगा दि गई है लेकिन पानी आपूर्ति की पाईप लाईन का अतापता ही नहीं है. ऐसे में पेयजल समस्या कम होने के बजाए और बढ़ने लगी है.