रायपुर. विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कवर्धा जिले में हुए अन्याय को लेकर भी ये अविश्वास प्रस्ताव है. लोरमी-पंडरिया के लिए केवल आठ किलोमीटर दूर रेल लाइन जानी थी लेकिन उसे अब 35 किलोमीटर दूर कर दिया गया है. अब बेमेतरा के किनारे से ये रेललाइन जानी वाली है.  जनता के फायदे के लिए बनाई जा रही योजना दूर क्यों की जा रही है?

भूपेश बघेल ने कहा कि रेलवे स्टेशन के लिए प्रस्तावित गांव घोटिया में सैलेट इंडिया प्रायवेट कम्पनी ने 17 एकड़ जमीन खरीदी है. कम्पनी के डायरेक्ट का नाम मुख्यमंत्री के निवास का पता दिया है. संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए दस्तावेज पटल पर पेश करने की चुनौती दी. भूपेश बघेल ने दस्तावेज रखना चाहा लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी. इससे पहले भूपेश ने सदन में सत्ता पक्ष को घेरते हुए कहा कि बार-बार ये सवाल उठाया जा रहा है कि पिछले सत्र में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तो फिर इस बार लाने का क्या औचित्य है. ये अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ कांग्रेस पार्टी की ओर से नहीं है बल्कि उन किसानों की ओर से भी है जिनके साथ आपने छल किया है. भूपेश बघेल ने कहा केंद्र द्वारा समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाने जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तिहार मनाएंगे. उन्हें तो ये मनाने की आदत पड़ गई है. हर बात पर त्योहार मनाते है.

बघेल ने कहा मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब दस सालों में 810 रुपये बढ़ाया था. केंद्र सरकार ने 200 रुपये बढ़ाया तो कहते हैं कि ऐतिहासिक निर्णय है. अटल जी और मोदी सरकार के कार्यकाल को जोड़ दे तो 11 सालों में 460 रुपये बढ़ाया गया.

जैसे ही नरेंद्र मोदी पीएम बने तो निर्देश आया कि बोनस देंगे तो बाकी राशि बंद कर देंगे. हमने बार-बार कहा कि प्रधानमंत्री का वक़्त ले लीजिए हम एक साथ बोनस की मांग को लेकर चलेंगे लेकिन ऐसा कभी नहीं किया. मक्का को एक हजार क्विंटल में कोई खरीदने को तैयार नहीं है. मुफ्त बिजली की बात करते हैं लेकिन किसानों को 5.10 रूपये पर बिजली दे रहे हैं. 5 हॉर्स पावर पर साढ़े सात हजार यूनिट मुफ्त. छत्तीसगढ़ की सिंचित भूमि में कटौती करके फायदा उद्योगपति को दिया गया.

 

इसके बाद भूपेश बघेल ने एक एक कर सरकार की खामी गिनानी शुरू की –

  •  15 सालों में महानदी का पानी बलौदाबाजार नहीं पहुँच पाया, लेकिन उद्योगपतियों को दिया जा रहा.
  •  पड़ोसी राज्य ओडिशा में किसान को डेढ़ रुपये यूनिट में बिजली मिल रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ में 5 रूपये 19 पैसे में.
  •  किसानों के नाम से ट्रांसिमिशन लाइन में भरपाई की जा रही है. किसानों के नाम पर लूट मची है.
  •  15 सालों की उपलब्धि क्या ये है कि 21 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा रहा है?
  •  सर्वाधिक बिजली का बिल घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को दिया जा रहा.
  •  छत्तीसगढ़ में बिजली की कमी नहीं है फिर भी कोरबा वेस्ट और मड़वा प्लांट लगाया.
  •  मड़वा प्लांट तेलंगाना के लिए लगाया गया है. इस प्लांट को लगाने में सबसे ज्यादा राशि खर्च की गई. छह हजार 315 करोड़ में बनने का लक्ष्य था लेकिन बनाया गया 9 हजार करोड़ से अधिक में. हिंदुस्तान का सबसे महंगा पावर प्लांट लगाया. ब्याज दर भी सबसे ज्यादा दे रहे हैं. ये भार छत्तीसगढ़ की जनता पर पड़ेगा.
  •  महानदी पर 106 करोड़ का एनीकट बनना था. समय पर नहीं बना पाए तो 3 हजार करोड़ रुपये का ब्याज भर रहे हैं.
  •  ये अविश्वास प्रस्ताव उनकी ओर से भी है जिनकी जमीन छीनी गई. 75000 हेक्टेयर जमीन आदिवासियों से छीन ली गई लेकिन उन्हें लाभ नहीं दिया गया, रोजगार नहीं दिया गया. एक भी उद्योग नहीं है, जहां छत्तीसगढ़ के 50 फीसदी लोगों को नौकरी पर रखा गया है. किसान लगातार मजबूर बनते जा रहे है. गरीबों की संख्या बढ़ती जा रही है. यूपीए सरकार ने कानून लाया कि 5 साल तक यदि उद्योग नहीं लगेंगे तो जमीन वापस की जाएगी लेकिन छत्तीसगढ़ में न तो उद्योग लगे और न ही जमीन वापस की गई.
  •  सड़क, रेल, जैसी योजनाओं के लिए ली जाने वाली जमीनों में पुनर्वास का लाभ बंद कर दिया है.
  •  नान घोटाला सामने आता है लेकिन जांच नहीं होती.
  •  आपने चावल की मात्रा कम कर दी है. छत्तीसगढ़ की थाली की साइज छोटी कर दी गई. अजय चंद्राकर ने कहा कि केंद्र ने कानून बनाया हमने उसका ही अनुकूलन किया है.
  •  पीडीएस में जो चावल के सैम्पल लिए गए है उसमें से 100 से ज्यादा सैम्पल फेल हो गए. रिपोर्ट में ये बात लिखी गई कि पीडीएस में सप्लाई की जा रही सामग्री घटिया किस्म की है.
  •  शासकीय स्कूल में लगातार दर्ज संख्या घटी है। पहले 21 लाख 5 हजार 195 दर्ज संख्या थी लेकिन आज 18 लाख 10 हजार 853 बच्चे दर्ज हुए है. शासकीय स्कूलों में बच्चे प्रवेश नहीं ले रहे हैं.
  •  शासकीय कॉलेजों में प्राध्यापकों के स्वीकृत पद 525 है लेकिन दुर्भाग्य है कि ये सारे पद रिक्त हैं.  संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि ये सच है लेकिन सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की है, ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
  •  विश्वविद्यालय में 68 पदों के विरुद्ध 50 पद रिक्त हैं. स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी में स्वीकृत पद 140 हैं लेकिन सिर्फ 5 पदों की भर्ती हुई है.
  •  नसबंदी कांड, आंखफोड़वा कांड,  सुपेबेड़ा कांड इनकी उपलब्धि है.  स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं.
  •  डीके अस्पताल को अब लोग मजाक में दामाद का अस्पताल बताने लगे हैं.
  • – अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है. बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ ये केवल जुमला है. महिला कॉस्टेबल शिकायत करती है लेकिन अधिकारी को प्रमोट कर दिया जाता है. सरकार अपनी महिला सिपाही को भी सुरक्षित नहीं रख पा रही.
  • – पुलिस पर अनुशासन हो सकता है लेकिन पुलिस परिजनों पर अनुशासन नहीं हो सकता. पुलिस परिजनों पर भी लाठी चलाई गई.
  • – एनएमडीसी की लीज निरस्त कर दिया गया लेकिन सीएमडीसी अडानी के साथ एमडीओ करने जा रही है. एमडीओ के जरिये कोयला अडानी को देने जा रही है सरकार. छत्तीसगढ़ के जो उद्योग है क्या उन्हें महंगा कोयला मिलेगा.

इस तरह भूपेश बघेल ने सत्ता पक्ष पर कई सवाल दागे.