दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो गए हैं। 17 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद तस्वीर साफ हुई कि इस बार भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने बाजी मारी है। एबीवीपी ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद जीतकर तीन पदों पर कब्जा जमाया, जबकि उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने जीत हासिल की। दिलचस्प यह रहा कि हारने के बावजूद एनएसयूआई के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार ने चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए। उन्हें कुल 29,339 वोट मिले, जो इस बार का सबसे बड़ा वोट शेयर रहा। इन नतीजों के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र राजनीति में एबीवीपी का दबदबा और मजबूत होता दिख रहा है, जबकि एनएसयूआई को संगठनात्मक मजबूती के बावजूद अध्यक्ष पद गंवाना पड़ा है।
ABVP की जीत
- अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के आर्यन मान ने जीत दर्ज की।
- सचिव पद पर कुणाल चौधरी विजयी रहे।
- संयुक्त सचिव पद पर दीपिका झा ने जीत हासिल की।
- वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के उम्मीदवार ने बाजी मारी, जबकि एबीवीपी के गोविंद तंवर को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव नतीजों में दिलचस्प यह रहा कि तीनों ही पदों पर एबीवीपी के विजयी उम्मीदवार पहले राउंड से ही रुझानों में आगे चल रहे थे, और उन्होंने लगातार बढ़त बनाए रखते हुए जीत पक्की की।
अध्यक्ष: आर्यन मान- 28841 वोट
उपाध्यक्ष: गोविंद तंवर- 20547 वोट
सचिव: कुणाल चौधरी- 23779 वोट
संयुक्त सचिव: दीपिका झा- 21825 वोट
NSUI का हाल
· अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की जोसलिन नंदिता चौधरी
· सचिव पद पर एनएसयूआई के कबीर
· संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई के लवकुश भड़ाना
· उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के गोविंद तंवर
अध्यक्ष: जोसलिन नंदिता चौधरी- 12645 वोट
उपाध्यक्ष: राहुल यादव झांसल- 29339 वोट
सचिव: कबीर- 16177 वोट
संयुक्त सचिव: लवकुश भड़ाना- 17380 वोट
इससे पहले, गुरुवार को हुए मतदान में 39.45 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी। यह पिछले चुनावों के मुकाबले थोड़ी कम रही, लेकिन कैंपस में छात्र-छात्राओं का उत्साह देखने लायक था।
2024 में क्या रहा था रिजल्ट?
2024 में अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के रौनक खत्री और संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई के लोकेश चौधरी जीते थे। वहीं, एबीवीपी ने उस चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर भानु प्रताप और सचिव पद पर मित्रविंदा करणवाल को विजयी बनाया था। इस तरह, 2024 में एनएसयूआई के पास दो पद थे, लेकिन 2025 में पार्टी केवल उपाध्यक्ष पद तक सिमट गई। वहीं, एबीवीपी ने इस बार तीन पद जीतकर छात्र राजनीति में अपना वर्चस्व और मजबूत कर लिया है।
2024 बनाम 2025: बदलाव
- 2024 में: अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद एनएसयूआई के पास थे (रौनक खत्री और लोकेश चौधरी), जबकि उपाध्यक्ष और सचिव पद एबीवीपी के पास थे।
- 2025 में: एनएसयूआई केवल उपाध्यक्ष पद तक सीमित रह गई, जबकि एबीवीपी ने तीनों अन्य पद जीतकर अपना दबदबा बढ़ा लिया।
दीपिका झा ने क्या कहा?
संयुक्त सचिव पद पर विजयी रहीं एबीवीपी की दीपिका झा ने कहा –”मैं बिहार से यहां आई और कड़ी मेहनत की। दिल्ली विश्वविद्यालय के हर छात्र ने मेरे संघर्ष को समझा और मैं 4,000 वोटों के अंतर से जीती। मैं उन सभी का धन्यवाद करती हूं।
“NSUI के अध्यक्ष ने क्या कहा?
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा –”NSUI ने इस असमान चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ी। केवल ABVP के खिलाफ ही नहीं, बल्कि DU प्रशासन, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, RSS-BJP और दिल्ली पुलिस की संयुक्त ताकत के खिलाफ भी ये चुनाव लड़ा गया। उन्होंने EVM में गड़बड़ी करके और DU चुनाव टीम के प्रोफेसरों का उपयोग करके चुनाव चोरी करने की भी कोशिश की। जीत हो या हार, NSUI हमेशा आम छात्रों, उनकी समस्याओं और DU को बचाने के लिए संघर्ष करता रहेगा। हम केवल और अधिक मजबूत होंगे। नव-निर्वाचित DUSU उपाध्यक्ष राहुल झांसला (NSUI पैनल से) और सभी अन्य विजेता पदाधिकारियों को शुभकामनाएं।”
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