अगर आप 1 अप्रैल 2024 के बाद बीमा खरीदने वाले हैं, तो अब यह आपको सिर्फ डिजटल फॉर्मेट में ही मिलेगा. क्योंकि अब बीमा कंपनी भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के पॉलिसीधारकों के हितों के संरक्षण नियमों के अनुसार पॉलिसी सिर्फ डिजिटल रूप में जारी करेगी. नए नियमों के मुताबिक, बीमा कंपनियों के लिए डीमैट फॉर्म में पॉलिसी जारी करना अनिवार्य है और अब इसे चार बीमा रिपोजिटरी – CAMS रिपोजिटरी, Karvy (कार्वी), NSDL डेटाबेस मैनेजमेंट (NDML) और सेंट्रल इंश्योरेंस रिपोजिटरी ऑफ इंडिया द्वारा सुगम बनाया जाएगा.

ई-बीमा क्या है?

जैसा कि नाम से पता चलता है, ई-बीमा का सीधा सा अर्थ है डिजिटल प्रारूप में बीमा पॉलिसी खरीदना. आपकी इलेक्ट्रॉनिक बीमा पॉलिसियां एक डीमैट खाते में रखी जाएंगी जिसे ई-बीमा खाता या ईआईए कहा जाएगा. आप ई-बीमा खाते के माध्यम से अपनी सभी बीमा पॉलिसियों – जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा पॉलिसियों का प्रबंधन कर सकते हैं. चार बीमा रिपॉजिटरी हैं – सीएएमएस इंश्योरेंस रिपोजिटरी, कार्वी, एनएसडीएल डेटाबेस मैनेजमेंट (एनडीएमएल), और सेंट्रल इंश्योरेंस रिपोजिटरी ऑफ इंडिया जो भारत में ई-बीमा खाते खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं.

पॉलिसी खोने का जोखिम खत्म होगा

इस पहल के तहत ग्राहक का ई-बीमा खाता होगा. यह खाता एनक्रिप्टेड होगा यानी केवल बीमाधारक ही इसका इस्तेमाल कर पाएगा. किसी तीसरे पक्ष की पहुंच इस तक नहीं होगी. इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से पॉलिसी धारकों को काफी फायदा पहुंचेगा. यह पहल न केवल सुविधा प्रदान करती है, बल्कि पॉलिसीधारक पोर्टफोलियो की सुरक्षा और प्रबंधन को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है. पॉलिसी होल्डर को कागजी दस्तावेज खोने, फटने का डर रहता हैॉ लेकिन अब यह जोखिम नही होगा.

यह होंगे फायदे

  1. एक स्थान पर ही सभी बीमा पॉलिसी देख सकेंगे, डाउनलोड कर पाएंगे.
  2. कागजी दस्तावेजों की डिजिटल प्रारूप के खोने का जोखिम कम होगा.
  3. ई-बीमा खाते में एक साथ सभी बीमा पॉलिसी को अपडेट कर पाएंगे.
  4. पॉलिसी विवरण और नवीनीकरण तिथियों को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे.

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