नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार रात एक बार फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. रात 9:54 पर लोगों को कंपन महसूस हुई. भूकंप का केंद्र नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के रोहिणी इलाक़े को बताया गया है. वहीं इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.4 मापी गई है.

दिल्ली में भूकंप के झटके

जानकारों की मानें तो ये एक कम तीव्रता का भूकंप था. इसका केंद्र ज़मीन के 8 किलोमीटर अंदर था. इससे किसी जानमाल के नुक़सान की कोई ख़बर नहीं है. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के कई इलाकों में ख़बर मिलने और भूकंप के झटके महसूस करने के बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए. रात 9:54 पर लोगों को कंपन महसूस हुई. भूकंप का केंद्र नॉर्थ वेस्ट का रोहिणी इलाक़ा था. भूकम्प की तीव्रता 2.4 रही.

असम में भी भूकंप के झटके

बता दें कि रविवार को असम (Assam) के सोनितपुर इलाके में रविवार दोपहर भूकंप (Earthquake) के हल्‍के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई

क्यों आता है भूकंप ?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

कितनी तबाही लाता है भूकंप?

रिक्टर स्केल असर

0 से 1.9      सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है
2 से 2.9      हल्का कंपन
3 से 3.9     कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर
4 से 4.9     खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं
5 से 5.9     फर्नीचर हिल सकता है
6 से 6.9     इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है
7 से 7.9     इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं
8 से 8.9     इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा
9 और उससे ज्यादा  पूरी तबाही, कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी.