दिल्ली। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहद छोटे, छोटे और मंझोले उद्योगों की स्थापना को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी बाबू उद्योग स्थापित करने में अड़ंगा नहीं लगा सकेंगे।
यूपी सरकार ने लालफीताशाही दूर करने की तरफ बड़ा कदम उठाते हुए यूपी एमएसएमई एक्ट-2020 लागू करने के प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में मंजूरी दे दी है। दरअसल, अभी राज्य में किसी उद्यमी को उद्योग लगाने के लिए 29 विभागों से करीब 80 तरह के नो ड्यूज लेने पड़ते हैं। अब एमएसएमई एक्ट लागू होने से उद्यमी केवल एक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर एक हजार दिन तक उद्यम संचालित कर सकेगा।
इस दौरान उस बिजनेस यूनिट को किसी तरह की जांच-पड़ताल व पूछताछ का सामना नहीं करना पड़ेगा। एमएसएमई एक्ट के अंतर्गत उद्यमी को जिला अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय नोडल एजेंसी के सामने आवेदन पत्र जमा करना होगा। घोषणा पत्र पाने के 72 घंटे के भीतर उपायुक्त उद्योग स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी कर देगा। इस प्रमाण पत्र को निवेश मित्र पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा। 72 घंटे में स्वीकृति जारी करने की समयसीमा का किसी भी सूरत में कोई अधिकारी उल्लंघन नहीं कर सकेगा।