रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में समता कॉलोनी रास गरबा समिति द्वारा रास गरबा महोत्सव 2025 का ऐतिहासिक आयोजन आज से शुरू हो गया है. रायपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को नई ऊंचाई देने वाला रास गरबा महोत्सव हर बार की तरह धूमधाम से आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन को लगातार पिछले 35 वर्षों से समता कॉलोनी में कराया जा रहा है. इस बार भी रास गरबा महोत्सव में अग्रसेन चौक स्थित भैंसथान मैदान भक्तिमय वातावरण और गरबा की रंगीन लय से गूंजने वाला है. कार्यक्रम की शुरूआत आज 22 सितंबर से हो चुकी है. जो आने वाले 1 अक्टूबर पूरे दस दिनों तक चलने वाला है.

समता रास गरबा महोत्सव धार्मिकता, भक्ति और सांस्कृतिक उत्सव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा. इस महोत्सव में हर दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग अवतार की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना और डांडिया उत्सव की शुरुआत की जाएगी. हर दिन देवी मां की विशेष पूजा-अर्चना और भव्य आरती होगी, रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजधजकर आए श्रद्धालु जब ताल और ढोल की लय पर गरबा करेंगे, तो पूरा भैंसथान मैदान माँ दुर्गा की भक्ति में झूम उठेगा.

समता कॉलोनी रास गरबा उत्सव 2025 में आयोजन समिति प्रमुख सुबोध हरितवाल, कार्यक्रम संयोजक गौरव सिंह(शैंकी), भावेश शुक्ला, अध्यक्ष अभिषेक सिंह (हनी), सचिव अमित तिवारी समेत पूरी टीम के सहयोग से सफल होने जा रहा है.

रास गरबा उत्सव में आकर्षण का केंद्र:

रास गरबा उत्सव की सबसे खास बात यह है कि पूरे 10 दिनों तक प्रतिभागियो को अलग-अलग आकर्षक उपहार दिए जाएँगे. इसके साथ ही 10 दिनों तक भाग लेने वाले सबसे अच्छे प्रतिभागियो के लिए होंडा एक्टिवा, डायमंड रिंग, नगद पुरस्कार समेत अनेखों उपहार रखे गए है. इसके साथ ही रोजाना बेस्ट मेल, फीमेल, बेस्ट कपल, बेस्ट किड्स, बेस्ट थीम जैसे उपहार भी दिए जा रहे है. पारंपरिक परिधान में आने वाले भक्त विशेष रूप से सम्मानित होंगे. समता रास गरबा समिति का का मानना है कि इस परंपरा से न सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं में भी गरबा और लोकनृत्य के प्रति रुचि जागृत होगी.

धार्मिक और पारिवारिक वातावरण का संगम- सुबोध हरितवाल

आयोजन समिति प्रमुख सुबोध हरीतवाल ने बताया की समता कॉलोनी रास गरबा समिति का यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि पारिवारिक एकजुटता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक भी है. यहां हर आयु वर्ग के लोग—बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग—समान रूप से भाग लेते हैं. शाम को जब परिवारों के साथ लोग भैंसथान मैदान पहुंचेंगे, तो वहां का दृश्य किसी बड़े सांस्कृतिक मेले से कम नहीं होगा. इस महोत्सव को भव्य बनाने के लिए मैदान में विशाल पंडाल और विशेष मंच तैयार किया गया है. रोशनी की जगमगाहट, रंग-बिरंगी सजावट और माँ दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना से पूरा स्थल दिव्य और आध्यात्मिक माहौल में बदल जाएगा. रायपुर शहर के श्रद्धालुओं से आग्रह है एक बार रास गरबा महोत्सव का हिस्सा जरूर बने.

अध्यक्ष अभिषेक सिंह(हनी ठाकुर) ने बताया की श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा, पार्किंग और पेयजल की विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं. हर साल की तरह जनसहयोग से हमारा आयोजन सफल होता है. हम आयोजन के ज़रिए समाज में धार्मिक एकजुटता का संदेश पहुँचाते है. इस बार आयोजन में और भी ज्यादा आकर्षण जोड़े गए हैं, ताकि हर आने वाला भक्त यादगार अनुभव लेकर जाए. रास गरबा महोत्सव केवल धार्मिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता को संजोने का भी प्रयास है. महोत्सव के माध्यम से लोगों को अपनी परंपराओं से जोड़ना, समाज में भाईचारा और सद्भाव बनाए रखना ही इसका मूल उद्देश्य है.