दिल्ली। कोरोना संकट ने भले ही इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था को झकझोर डाला हो लेकिन अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से अपने रंग रूप में वापस लौट आएगी।

इस वित्त वर्ष के छह महीने बीतने के बाद भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत बेहतर ना हो लेकिन अगला साल उम्मीदों भरा होने वाला है। कल मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए आरबीआइ गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने वर्ष 2020-21 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट होने का अंदाजा लगाया है। वहीं अप्रैल, 2021 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में हालात तेजी से बदलने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने 10.1 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने की बात कही है।

आरबीआइ ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआती तीनों तिमाहियों में विकास दर भले ही नकारात्मक रहेगी जो अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च, 2021) में 0.5 प्रतिशत रह सकती है लेकिन अप्रैल-जून, 2021 की तिमाही में विकास दर 20.6 प्रतिशत रहने की बात कही है। घरेलू बाजार कोरोना के काबू में आते ही तेजी से रफ्तार पकड़ेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था तेज विकास दर हासिल करेगी।