सूरत. ED (एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ने ₹100 करोड़ से ज्यादा के साइबर घोटाले में शामिल 4 आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर अहमदाबाद की अदालत में पेश किया, जहां बहस के बाद आरोपियों को 13 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर लिया गया. ईडी की जांच में पता चला है कि आरोपी एक सिंडिकेट बनाकर लोगों को धमकाते थे और सुप्रीम कोर्ट से लेकर ईडी तक के फर्जी समन-नोटिस जारी करते थे. लोगों से पैसे ऐंठने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते थे. वे कहते थे, ‘बताओ, तुम्हें गिरफ्तार क्यों न किया – जाए’ और गिरफ्तारी से बचने के लिए डिजिटल अरेस्ट लोग घोटालेबाजों के खातों में लाखों – करोड़ों रुपए ट्रांसफर कर देते थे. अधिकारी यह जांच कर रहे हैं कि यह गिरोह ने कैसे तय करती थी कि किसे शिकार बनाना है.

SOG ने सबसे पहले पर्दाफाश किया था इस घोटाले का सबसे पहले SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने पर्दाफाश किया और शिकायत दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच में यह भी पता चला कि विदेश में भी आरोप दर्ज थे और ईडी को भी इसकी सूचना दी थी. इस मामले में मकबूल अब्दुल रहमान डॉक्टर, काशिफ मकबूल डॉक्टर, महेश मफतलाल देसाई और ओम राजेंद्र पंड्या को गिरफ्तार किया है.

हवाला ऑपरेटर्स का इस्तेमाल किया

₹100 करोड़ से अधिक के साइबर फ्रॉड की जांच में पता चला है कि आरोपी POC (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) लॉन्ड्रिंग में शामिल थे. बैंक खाते संचालित करने के लिए आरोपियों ने प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड हासिल किए. विदेश में पैसे भेजने के लिए कई हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल किया.