अनिल सक्सेना, रायसेन। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव (Minister Gopal Bhargava)के बेटे अभिषेक भार्गव पर ईडी ( Ed) का शिकंजा कस सकता है। दरअसल मध्य प्रदेश के चार जिलों में सक्रिय रही चिटफंड कंपनी श्रद्धा सबुरी कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड ( Chit Fund Company Shraddha Saburi Commodity Private Limited) के खिलाफ 80 करोड़ रुपए धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate-ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। कंपनी प्रबंधन में डायरेक्टर के रूप में प्रवेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव का नाम भी शामिल है। हालांकि अभिषेक को कोर्ट ने 50 हजार रुपए मुचलका और 20 लाख रुपए की गारंटी जमा करने के बाद अग्रिम जमानत दे दी थी। जबकि कंपनी के प्रबंधक वसंत उपाध्याय, मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन वालेचा व अन्य कर्मचारी जितेंद्र सिंह चौहान, पंकज कुमार और दीपक गावा जेल में हैं।

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पुलिस के अनुसार वसंत उपाध्याय छोटी बचत रीयल बाजार नामक संस्था में जमा करवाता था। पुलिस रिकार्ड में वसंत को रायसेन निवासी बताया गया है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का है और करीब 30 साल पहले रायसेन आ गया था। वसंत और उसके अन्य साथी सेवानिवृत्त कर्मचारियों और महिलाओं को चिट फंड कंपनी में रुपए जमा करने के लिए प्रेरित करते थे।

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वसंत ने साल 2015 में हरियाणा के सिरसा की राम कॉलोनी वरनाला रोड निवासी नितिन बालेचा और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर श्रद्धा सबुरी कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक चिट फंड कंपनी बनाई थी। रायसेन, विदिशा, भोपाल और सागर के करीब 400 लोगों के 80 करोड़ रुपए निवेश करवाने के वाद कर्ता-धर्ता फरार हो गए थे।

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30 सितंबर 2015 को पुलिस ने दर्ज किया था मामला 

मामले में पुलिस ने दिलीप कुमार कोष्टा निवासी रायसेन की शिकायत पर वसंत और नितिन वालेचा के खिलाफ 30 सितंबर 2015 को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। जिला न्यायालय ने वसंत व अन्य गवाहों के वयान के आधार पर अभिषेक भागवव अन्य लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

अभिषेक को छोड़कर सभी जेल मेंः थाना प्रभारी

अभिषेक पहले हाई कोर्ट जबलपुर गए। बाद में जिला न्यायालय में 27 सितंबर, 2016 को पेश हुए। न्यायालय ने उन्हें 50 हजार के मुचलका और 20 लाख रुपए गारंटी के बाद जमानत दे दी। जबकि अन्य आरोपितों को जेल भेज दिया। कोतवाली थाना प्रभारी आशीष सप्रे का कहना है कि एक आरोपित (अभिषेक) को छोड़कर सभी जेल में हैं।

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