राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में आरटीओ विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई जारी है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सौरभ के घर और दफ्तर पर दबिश दी है। ईडी की टीम मेटल डिटेक्टर सहित कई आधुनिक उपकरण के साथ पहुंची। फिलहाल ED के अधिकारी सर्चिंग में जुटे हुए है। इधर ग्वालियर में भी कार्रवाई चल रही है। विनय नगर स्थित मकान पर इनकम टैक्स सहित अन्य जांच एजेंसी ने दबिश दी है। सीआरपीएफ के जवानों की मौजूदगी में सर्चिंग जारी है।

ईडी की टीम पहली बार सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पहुंची है। ED के दर्जनभर अधिकारी मेटल डिटेक्टर सहित कई आधुनिक उपकर के साथ सर्चिंग कर रहे है। लोकायुक्त को इसी दफ्तर से ढाई क्विंटल चांदी बरामद हुई थी। सौरभ ने टाइल्स के अंदर चांदी को छुपाकर रखा था। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय के अफसर मेटल डिटेक्टर लेकर पहुंचे है।

ये भी पढ़ें: BREAKING: सौरभ शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी से बचने भोपाल कोर्ट में लगाई थी अर्जी

सौरभ के पास से मिली थी चांदी और कैश

दरअसल, लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापा मारा था। जहां से 235 किलो चांदी और 2.95 करोड़ रुपए कैश मिले थे। वहीं 19 दिसंबर की देर रात मेंडोरी के जंगल से एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए कैश आईटी की टीम ने बरामद किया था। घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपये है।

ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: Saurabh Sharma कैश कांड में भूपेंद्र सिंह का नाम! पूर्व मंत्री के कार्यकाल में हुई थी ‘धनकुबेर’ की पोस्टिंग, इस दिग्गज नेता के कहने पर पैसों को सोने की सिल्लियों में किया तब्दील! पूर्व सरकार में नियमों को ताक पर रखकर दी गई थी फील्ड पर पोस्टिंग

सौरभ के सहयोगी के निवास से भी मिले थे करोड़ों रुपये

वहीं आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद की गई थी। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की, फिर परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था।

ये भी पढ़ें: महीनेभर पहले चीन से लौटा था सौरभ शर्मा: 4 देशों की विदेशी करेंसी और 10 लाख की घड़ियां भी मिली, नौकरी के लिए झूठे शपथ पत्र देने पर हो सकती है FIR

आयकर विभाग के अधिकारियों के हाथ लगी सौरभ की डायरी से बड़ा खुलासा हुआ। डायरी की मानें तो परिवहन विभाग में हर साल 100 करोड़ का काला हिसाब होता था। प्रदेश के 52 RTO और बड़े अफसरों के नाम, नंबर, पता के साथ हर माह पहुंचने वाली रकम लिखी है। उगाही की काली कमाई का पैसा ऊपर तक पहुंचाने का अनुमान है। सौरभ के सहयोगी चेतन का 150 पन्ने में बयान दर्ज हुआ। चेतन ने अफसरों के साथ कई बड़े नेताओं से सौरभ के गठजोड़ का भी खुलासा किया है।

ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस किया हैं दर्ज

इस मामले में लोकायुक्त, आईटी के बाद ईडी की एंट्री हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने सौरभ शर्मा और उसके साथी चेतन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। दुबई से लौटने के बाद सौरभ शर्मा और उसके परिवार से पूछताछ की जाएगी।

ये भी पढ़ें: सौरभ शर्मा के खिलाफ उतरा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन: CM डॉ. मोहन को पत्र लिख की CBI जांच की मांग, कहा- पकड़े गए सिर्फ मोहरे, असली मास्टरमाइंड…

IT का लुक आउट सर्कुलर, सौरभ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

आयकर विभाग ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। वहीं दुबई में बैठे सौरभ शर्मा ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए भोपाल कोर्ट में पिटीशन दायर की थी, लेकिन भोपाल कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। इस मामले में आज शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकील के विशेष अनुरोध पर जज ने कल गुरुवार को ही सुनवाई कर दी।सौरव शर्मा के वकील ने अदालत में दलील दी थी कि आरोपी लोक सेवक नहीं है, इसलिए उसे अग्रिम ज़मानत का लाभ दिया जाए। न्यायाधीश ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। फिलहाल इस पूरे मामले में लोकायुक्त, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय, तीनों एजेंसियां जांच में जुटी हुई है।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m