प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर छापे मारे. यह कार्रवाई द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता और स्टालिन सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक नए मामले के संदर्भ में की गई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह मामला तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) में कथित अनियमितताओं से संबंधित है, जो राज्य में शराब व्यापार का एकाधिकार रखता है.

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ईडी की टीमें सुबह 8 बजे से राज्य के लगभग 10 स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं, जिसमें सेंथिल बालाजी से संबंधित परिसर, कुछ सरकारी ठेकेदारों और अन्य संस्थाओं के ठिकाने शामिल हैं. करूर में बालाजी के समर्थकों, जैसे सुब्रमण्यम, एमसीएस शंकर आनंदन और कार्थी के परिसरों पर भी छापे चलाए जा रहे हैं. ये सभी छापेमारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की सुरक्षा में की जा रही हैं.

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पहले भी हो चुकी है ED की कार्रवाई

सेंथिल बालाजी को जून 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर 2024 को उन्हें इस मामले में जमानत प्रदान की. यह मामला परिवहन विभाग में भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित था. जमानत मिलने के तीन दिन बाद, राज्य सरकार ने उन्हें पुनः मंत्री पद पर बहाल कर दिया और उन्हें बिजली, निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग का प्रभार सौंपा, जो पहले भी उनके पास था. बालाजी मई 2021 से जून 2023 तक इस विभाग के मंत्री रहे थे, लेकिन गिरफ्तारी के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था.

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ED के आरोप और राज्य सरकार का रुख

प्रवर्तन निदेशालय ने पहले मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक मामला दर्ज किया था. इस मामले में उन पर 2011-2015 के बीच परिवहन मंत्री के रूप में कार्य करते समय नकदी घोटाले का आरोप लगाया गया था. उस समय वह सीएम जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार का हिस्सा थे. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 में उन्हें इस मामले में जमानत प्रदान की, जिसके बाद वह 29 सितंबर 2024 को पुनः मंत्री बने.

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ईडी ने 2023 में दाखिल चार्जशीट में आरोप लगाया कि बालाजी ने अपने प्रभाव का उपयोग करके अवैध रूप से व्यक्तिगत लाभ प्राप्त किया. एजेंसी का कहना है कि उन्होंने अपने भाई, निजी सहायक और परिवहन विभाग के अधिकारियों के सहयोग से अवैध धन जुटाने की योजना बनाई. हालांकि, तमिलनाडु सरकार का कहना है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है और ईडी द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं.