नई दिल्ली . दिल्ली सरकार के स्कूलों में बीते 2 जुलाई को 5 हजार शिक्षकों के तबादले पर रोक लग सकती है. उपराज्यपाल ने रविवार को मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग को तबादलों को स्थगित रखने का सुझाव दिया है. उधर, शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम शुरू से कह रहे थे कि यह तबादले गलत हैं.

दिल्ली में बीते कई दिनों से शिक्षकों के तबादलों को लेकर सियासत चल रही थी. दिल्ली सरकार का आरोप था कि बिना उनकी मंजूरी के इतने बड़े स्तर पर शिक्षकों के तबादले कर दिए. लगातार शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे थे. भाजपा नेताओं ने भी LG से इस पर पुनर्विचार की अपील की थी. रविवार को राजनिवास में शिक्षकों और शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से तबादले को लेकर मुलाकात की. भाजपा के कई सांसद भी इस दौरान मौजूद रहे.

मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने के साथ एलजी की ओर से कहा गया कि हमारी तरफ से हमेशा ही सरकारी कर्मचारियों को बेहतर माहौल मुहैया कराए जाने के प्रयास किए जाते रहे हैं. शिक्षकों के लिए जारी तबादले को लेकर भी उन्होंने अपना यही रुख दिखाया है. उन्होंने मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग को तबादले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाने के साथ तबादले के मामले में समग्र और भेदभाव रहित तरीका अपनाने की बात कही. उन्होंने फिलहाल तबादले के आदेश को स्थगित रखने का सुझाव दिया है.

आतिशी बोलीं, दिल्लीवालों की हुई जीत दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने शिक्षकों के तबादले के फैसले को वापस लिए जाने को दिल्लीवालों की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि बीते दो जुलाई को जब बिना मेरी मंजूरी के पांच हजार शिक्षकों का तबादले किए गए तब से मैं लगातार इस फैसले का विरोध कर रही थी. मैंने वादा किया था कि केजरीवाल सरकार सरकारी स्कूलों को कोई नुकसान नहीं होने देगी. आतिशी ने कहा कि आज शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों का संघर्ष सफल हो गया है.

हमारी समस्याओं का समाधान किया संगठन

सरकारी स्कूल शिक्षक संगठन के महासचिव अजय वीर यादव ने बताया कि शिक्षकों के साथ उन्होंने उपराज्यपाल से उनके निवास पर मुलाकात की. एलजी ने शिक्षकों के प्रति अपनी संवेदना और सम्मान प्रकट करते हुए शिक्षकों के तबादले के मामले को गहराई से समझा.