रायपुर। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुलाकात कर PTRSU के कुलचचिव शैलेन्द्र पटेल को निष्काशित करने की मांग रखी। इस दौरान शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कुलपति के योग्यता पर यदि जांच हुई है, तो कार्रवाई भी होगी। साथ ही इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित करने का आश्वासन भी दिया है।
एबीपी के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलसचिव शैलेंद्र कुमार पटेल की योग्यता और अनुभव से संबंधित दस्तावेजों की चौथी बार जांच के बावजूद फर्जी होने का मामला सामने आया है। इससे पहले तीन बार उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक, संयुक्त संचालक आयुक्त और तीन प्राचार्यों की समिति ने पटेल के दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि पटेल की योग्यता उपकुलसचिव के पद के लिए निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है।
यज्ञदत्त ने आगे कहा कि कुलपति पटेल ने दावा किया था, कि उसने 5 फरवरी 2013 से 5 फरवरी 2015 तक सीवी रमन यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से गणित में पीएचडी की है, जबकि इस अवधि में वह भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रायपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। लेकिन रायपुर और बिलासपुर के बीच 300 किलोमीटर (आना-जाना मिलाकर) की दूरी को प्रतिदिन तय करना असंभव है, जिससे यह साफ हो जाता है कि पटेल का दावा गलत है। इसके अलावा, पटेल को बिना नेट परीक्षा उत्तीर्ण किए ही सहायक प्राध्यापक की नौकरी मिल गई थी, जो नियमों के खिलाफ है।
यज्ञदत्त ने बताया कि इस मामले में जांच समिति ने पटेल की एमफिल डिग्री को भी फर्जी पाया, क्योंकि 2007-08 में विनायक मिशन यूनिवर्सिटी, सालेम से एमफिल करने की जानकारी दी थी, जबकि उस संस्था का एमफिल मान्य नहीं है। भ्रष्टाचार के कई मामलों, जैसे प्रश्न पेपर घोटाला और नैक घोटाला में भी पटेल का नाम सामने आया है।
अयोग्य घोषित होने के बाद भी पदस्थ हैं शैलेंद्र पटेल : एबीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, “जिस तरह से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कुलसचिव के घोटाले और फर्जी डिग्री का विषय बार-बार सामने आ रहा है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। तीन बार जांच समिति बनाकर जांच की जा चुकी है और हर बार अयोग्य घोषित किया गया, फिर भी आज वहां पर शान से बैठकर छात्रों को धमकी देता है। यह सरकार की निर्णय लेने की असमर्थता को दर्शाता है। यदि जल्द ही इस मामले में निर्णय नहीं लिया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
एबीपी के रायपुर महानगर मंत्री प्रथम राव फुटाने ने कहा- “शिक्षा में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है। अगर वे लोग ही ऐसे फर्जीवाड़े में पकड़े जाएंगे और पकड़े जाने के बाद भी उनके ऊपर कार्यवाही नहीं की जाति है तो इससे छात्र समुदाय में गलत प्रभाव पड़ेगा” लेकिन कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल का अब बचना अब नामुनकिन है।
प्रथम ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ठान लिया है, कि शैलेन्द्र पटेल के खिलाफ उचित कार्यवाही करवा के रहेगी कुलसचिव के भ्रष्टाचार का घड़ा अब भर चुका है।
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