रायपुर. शिक्षाकर्मियों द्वारा आगामी 11 मई को महापंचायत का ऐलान किया गया है. इसे लेकर शिक्षाकर्मी संघ ने तैयारी पूरी कर ली है. इसी कड़ी में शिक्षा संघ के पदाधिकारी आज कलेक्टर से मिलने पहुंचे. जहां पर उन्होंने ने कलेक्टर से मिलकर रायपुर के बूढ़तालाब स्थित धरना स्थल पर महा पंचायत की अनुमति मांगी है. इस दौरान शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, केदार जैन,उप संचालक धर्मेश शर्मा सहित समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे.
वहीं कलेक्टर ओपी चौधरी ने शिक्षाकर्मियों को आश्वस्त किया है कि वो 11 मई के प्रस्तावित महापंचायत के स्थान के लिए उच्चाधिकारियों से बातचीत के बाद निर्णय लेंगे.
बता दें कि शिक्षाकर्मियों द्वारा हमेशा से रायपुर के बूढ़ापारा तालाब स्थित धरना स्थल पर आन्दोलन किया जाता रहा है, लेकिन पिछली बार इन शिक्षाकर्मियों को धरना स्थल पर आन्दोलन की अनुमति प्रशासन की ओर से नहीं दी गई थी, जिसके चलते प्रदर्शन ईदगाहभाठा मैदान में करना पड़ा था.
शिक्षाकर्मियों का आरोप है कि संविलियन के लिये गठित हाई पावर कमेटी राजस्थान के बाद अब फिर मध्यप्रदेश के दौरे का हवाला दे इस मामले को लेकर समय व्यतीत करना चाह रही है. जिसके चलते प्रदेश के शिक्षकों में सरकार के प्रति विश्वास कम हो रहा है.
संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष और मोर्चा के संचालक केदार जैन ने इस प्रशासनिक निर्णय का खुलकर विरोध किया है. जैन ने कहा कि 11 मई को होने वाली महापंचायत की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और इस महापंचायत का घोष वाक्य होगा.”हमारा साथ उसी को,जो संविलियन दे सभी को”
केदार जैन ने स्पष्ट किया है कि शिक्षाकर्मियों के 20 वर्षो की संविलियन तपस्या को चुनावी राजनीति की भेंट चढ़ने नहीं दिया जाएगा. स्ट्राइक ब्रेकिंग स्पेशलिस्ट्स बन चुकी सरकार के सामने ग्रीष्मावकाश में होने वाले शिक्षाकर्मियों के इस महापंचायत को बाधित कर पाना अब सम्भव नहीं है. क्योंकि संविलियन की आग अब हर पंचायत शिक्षक के सीने में धधक रही है. केदार जैन ने मोर्चे के हर शिक्षाकर्मी कार्यकर्ता से आह्वान किया है, कि वो 11 मई के इस निर्णायक महापंचायत की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.