कुमार इंदर, जबलपुर। सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर प्रतिबंध (tablighi Jamaat banned in Saudi Arabia) लगाने के बाद अब भारत समेत तमाम देशों में भी तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है। विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे वीएचपी के राष्ट्रीय कार्य अध्यक्ष आलोक कुमार (VHP National Working President Alok Kumar) ने भी कहा है कि भारत सरकार (Indian government) के पास एक नहीं बल्कि कई वजह है जिस पर भारत में तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यही नहीं आलोक कुमार ने तो यह तक कहा है कि, हमारी कोर्ट को भी तबलीगी जमात को दिए गए छूट के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

वहीं इस मामले में सांसद राकेश सिंह (MP Rakesh Singh) ने कहा कि जब सऊदी अरब इस संगठन पर रोक लगा सकता है, तो फिर बाकी के भी देशों की इस बारे में सोचना चाहिए। यही नहीं राकेश सिंह का कहना है जब भी देश बीजेपी ने तबलीगी जमात पर रोक लगाने की बात कही तो देश मे ही इसका विरोध होने लगा। राकेश सिंह ने कहा कि भारत के अंदर ही एक वर्ग है जो इनका समर्थन करता है।

सऊदी अरब के फैसले का स्वागत

अखिलेश्वर नंद ने भी सऊदी अरब के फैसले का स्वागत किया है। अखलेश्वरानंद का कहना है कि ये लोग जहां जहां जाते हैं, वहां-वहां ये जहर फैलाने का काम करते हैं। अखलेश्वरानंद का कहना है कि हमारी सरकार ने इनके खिलाफ समय समय पर काफी सबूत दिए हैं।

सुन्नी मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन है तबलीगी जमात

आपको बता दें कि सऊदी अरब ने सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन कहे जाने वाले तबलीगी जमातपर बैन लगाने का फैसला ले लिया है। सऊदी अरब सरकार ने तबलीगी जमात  पर बैन लगाते हुए इसे आतंकवाद का सबसे बड़ा द्वार बताया है। सऊदी सरकार के मुताबिक ये संगठन समाज के लिहाज से खतरनाक है। देश में आतंकवाद के द्वार खोलने के दमखम रखता है। इसी वजह से सरकार ने तमाम मस्जिदों से भी अपील की है कि उनके द्वारा लोगों को जागरूक किया जाए। बताया जाए कि सऊदी क्यों और कैसे समाज के लिए खतरनाक है।

क्या है तब्लीगी जमात और कब हुआ गठन 
दरअसल, मरकज़ का मतलब Center यानी केंद्र होता है। तबलीग का मतलब है अल्लाह और कुरान, हदीस की बात दूसरों तक पहुंचाना। वहीं जमात का मतलब ग्रुप से है। तबलीगी जमात यानी एक ग्रुप की जमात. तबलीगी मरकज का मतलब इस्लाम की बात दूसरे लोगों तक पहुंचाने का केंद्र हैं। यह सुन्नी देओबंदी या वहाबी मुसलमानों की जमात है.. इसे मेवात के रहने वाले देओबंदी मौलाना मोहम्मद इलियास ने 1927 में शुरू किया था। तबलीगी जमात का पहला जलसा 1941 में हुआ था, जिसमें 25,000 लोग शामिल हुए थे। देश के बंटवारे के बाद 1947 में इसकी मेन ब्रांच पाकिस्तान के लाहौर में कायम हुई थी। इस वक्त भारत के बाद बांग्लादेश में जमात का सबसे बड़ा संगठन है। दुनिया के 100 से अधिक देशों में जमात काम करती है। यूएस और ब्रीटेन में इनकी बड़ी उपस्थिति है, जहां भारतीयों लोगों की संख्या सबसे अधिक है।

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