नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. मूल मुकदमा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छत्तीसगढ़ में हाल के दिनों में प्रवर्तन निदेशालय में की जा रही खोजों से संबंधित है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस रवींद्र भट और पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और छत्तीसगढ़ के स्थायी वकील सुमीर सोढ़ी ने किया. अनुच्छेद 131 के तहत, सुप्रीम कोर्ट के पास अंतर-राज्य या केंद्र और राज्य के विवादों पर मूल अधिकार क्षेत्र है.
यह मुकदमा धारा 17 (खोज और जब्ती), 50 (सम्मन, दस्तावेजों को पेश करने और सबूत देने आदि के बारे में अधिकारियों की शक्तियां), 63 (गलत सूचना या सूचना देने में विफलता आदि के लिए सजा) और के बारे में संवैधानिक सवाल उठाता है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की रोकथाम के 71 (अध्यावरण प्रभाव के लिए अधिनियम) और एक घोषणा की मांग करता है कि वे संविधान के अल्ट्रा वायर्स हैं.
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