शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कुत्तों के झुंड द्वारा मासूम बच्ची के काटने मामले के बाद नगर निगम प्रशासन ने कुत्तों की धरपकड़ शुरू कर दी है। अवकाश के दिन रविवार को निगम प्रशासन ने 10 कुत्तों को पकड़ा है। नगर निगम की टीम द्वारा आवारा कुत्तों की धरपकड़ जारी है। इधर समाचार प्रकाशन ने बाद मानव अधिकार आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने नगर निगम आयुक्त भापोल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा है। आयोग ने 7 दिनों में जवाब देने कहा है।

इस मामले को लेकर लल्लूराम डॉट काम ने कुत्तों का आतंक, और मासूम बच्ची को नोचा शीर्षक से समाचार प्रकाशन कर शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। समाचार प्रकाशन के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया है। निगम की टीम द्वारा घटनास्थल क्षेत्र सहित पूरे शहर में आवारा कुत्तों की धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। समाचार के लिखे जाने तक निगम की टीम ने 10 आवारा कुत्तों को पकडऩे का दावा किया है। निगम प्रशासन की मानें तो उनका अभियान दिनभर चलेगा।
बता दें कि कल शनिवार को कुत्तों के झुंड ने 4 साल की मासूम बच्ची पर हमला बोल दिया था। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। बच्ची के सिर, कान और हाथ में गहरे जख्म आए है। शरीर में कई जगह चोट भी लगी है।

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इन बिंदुओं में जानकारी मांगी गई
1.एनीमल बर्थ कन्ट्रोल (डाग्स) नियम 2001 के तहत की गई कार्यवाही की जानकारी।
अ. वर्ष 2021 में कितने आवारा कुत्तों को स्टरलाइज्ड किया गया? इसकी वार्डवार जानकारी दें।
ब. कितने रैबिड आवारा कुत्तों को शहर की सडकों से बाहर किया गया? इसकी भी वार्डवार जानकारी दें।
स. एनीमल बर्थ कन्ट्रोल (डाग्स) नियम के तहत मानिटरिंग कमेटी की मासिक बैठकों की कापी।
2. आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं का वार्डवार विवरण और प्रत्येक घटना पर निगम द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी।
03. वर्तमान घटना में पीडित बच्ची के पिता को दी गई क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी।
04. वर्तमान घटना में पीडित बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट की कापी।

विधानसभा में भी चर्चा हुई थी
इसी तरह पांच साल में कुत्तों की नसबंदी पर 6.76 करोड़ रुपये खर्च किए गए। खर्च के बावजूद राजधानी की सड़कों पर कुत्तों की आबादी और आतंक दोनों क्यों बढ़ी है। सड़कों पर डेढ़ लाख से अधिक कुत्ते हैं, जो हर रोज कई लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। शनिवार को बागसेवनिया में कुत्तों के झुंड ने बच्ची पर हमला कर दिया था। इससे पहले जहांगीराबाद में दो बच्चों समेत नौ लोग कुत्ते के शिकार बने थे। मार्च 2021 में कुत्तों की नसबंदी पर खर्च हुई राशि को लेकर विधानसभा में चर्चा भी हुई थी।