पुरषोत्तम पात्र  गरियाबंद। जिले के कोपरा निवासी एक गरीब पिता ने बेटे के इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा था कि मेरी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, मैं अपने एकलौते बेटे का इलाज चाहकर भी नहीं करा पा रहा हूं. मैंने घर का सामान भी बेच दिया. इससे जितने रुपए मिले सभी खर्च हो गए. गांव में मैं गाय चराने का काम करता हूं. मेरी इतनी आमदनी नहीं है कि इलाज में लाखों रुपए खर्च कर सकूं. मेरे पास इलाज कराने के लिए रुपए नहीं है. पिता ने सरकार से गुहार लगाई कि मेरी मदद कर दीजिए, ताकि मेरा बेटा ठीक हो सके. यह खबर लल्लूराम डॉट कॉम ने शनिवार को प्रमुखता से प्रकाशित की थी. लल्लूराम की खबर जब उच्च अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान में लिया. इसके बाद सरकार ने युवक के इलाज के लिए दो लाख रुपए जारी कर दिया हैं.

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राजिम एसडीएम जीडी वाहिले ने बताया कि, शनिवार को कलेक्टर के निर्देश पर पीड़ित परिवार से मिलने उसके घर गए थे. मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हुआ था, इसलिए बीएमओ व तहसीलदार को भी साथ लेकर गए थे. पीड़ित परिवार से आप बीती की पूरी विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट कलेक्टर को भेजा गया है.

मदद के लिए उठे हाथ

कांग्रेस के पूर्व सयुक्त सचिव विनोद तिवारी ने मामले की जानकारी लेकर शासन स्तर पर अवगत कराया. उन्होंने राज्य सरकार से जल्द ही आर्थिक मदद मिलने की बात कही है. सिन्हा समाज के जिला अध्यक्ष मुरलीधर सिन्हा ने पीड़ित के घर राशन व नगद 3 हजार रुपए का सहयोग दिया. कोपरा के सामिजक कार्यकर्ता रिकेश साहू ने 2 हजार, राजिम के व्यवसायी नितिन जैन ने 5 हजार एवं विकास पारख ने भी आर्थिक सहयोग किया है.

बता दें कि 27 जुलाई को दो-मंजिला मकान में काम करते समय 22 वर्षीय राजेश नीचे गिर गया. उन्हें इलाज के लिए रायपुर के निजी अस्पताल महादेवम मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. जांच में पता चला कि उनके रीड़ का हड्डी फ्रेक्चर हो गया है. राजेश के पिता लोकेश साहू ने अपने घर के कुछ कीमती सामान बेचकर और कुछ पैसे रिश्तेदारों ने दिए उससे राजेश का ऑपरेशन कराया, ऑपरेशन के बाद अब राजेश की जिंदगी इलाज के अभाव में बिस्तर पर कट रहा है.