ठंड के मौसम में घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं होने की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन इस बार कोहरे के कोहराम से बचने के लिए पहले ही कवायद की जा रही है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा किया जा रहा है. वहीं, रेलवे ने भी यात्रियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में करीब 40 स्थानों पर सड़क सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि हादसे से बचा जा सके. दूसरे चरण में बाकी हिस्सों पर काम चलेगा.

सड़क सुरक्षा एजेंसी ने बीते दिनों रिपोर्ट दी थी कि एक्सप्रेसवे पर काफी जगहों पर रोड सेफ्टी के लिए लगाए गए स्प्रिंग पोस्ट, रोड स्टड, एंटी ग्लेयर और अन्य सामान टूट गए हैं, जिससे हादसे होने का खतरा बढ़ गया है. वहीं, एक्सप्रेसवे, बराबर में एनएच-9 और सर्विस रोड पर सफेद पट्टी फीकी पड़ गई है, जिससे लोगों को कोहरे में वाहन चलाने में असुविधा हो सकती है. इस पर एनएचएआई ने निर्माण एजेंसी को संबंधित स्थानों पर सड़क सुरक्षा के सभी मानक पूरा करने के निर्देश दिए.

यहां होगा काम दिल्ली की सीमा में गाजीपुर, सराय काले खां टी प्वाइंट, यमुना नदी पुल, अक्षरधाम के सामने सड़क सुरक्षा के मानकों को पूरा किया जा रहा है. गाजियाबाद और नोएडा में खोड़ा मकनपुर, नोएडा सेक्टर-62 और छिजारसी के सामने कई जगहों पर सड़क सुरक्षा के लिए रोड स्टड लगाए जा रहे हैं

● सफेद पट्टी सड़क पर लेन निर्धारित करने के लिए सफेद पट्टी बनाई जा रही है. इस पेंट में कांच का भी मिश्रण होता है. इससे लाइट पड़ने पर यह पट्टी ज्यादा चमकीली दिखाई देती है.

● रोड स्टड यह सड़क पर सफेद पट्टी और उन जगहों पर लगाए जाते हैं, जहां से सड़क दो हिस्सों में बंट रही हो या फिर यूटर्न हो. ये पीले और लाल रंग के होते है.

● डेलीनियेटर डिवाइडर के ऊपर छोटी पीली प्लेट लगाई जाती है, जो लाइट पड़ने पर चमकती है.

● एंटी ग्लेयर एक्सप्रेसवे के मुख्य डिवाइडर पर इनका इस्तेमाल होता है. अधिकांशतय यह हरे रंग होते हैं, जो सामने से आ रहे वाहन की लाइट को दूसरी तरफ की लाइन तक जाने से रोकते हैं.

दिल्ली और गाजियाबाद के हिस्से में कई जगहों पर सड़क की मरम्मत की जा रही है. साथ ही लाइटों को ठीक कराया जा रहा है और जहां कहीं भी सड़क सुरक्षा से जुड़े सामान टूट गए हैं या कहीं से चोरी हो गए हैं, उन्हें भी दोबारा से लगाया जा रहा है.

-अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया