सागर। कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे प्रदेश में हा-हाकार मचा हुआ है. कोविड अस्पतालों में जगह की कमी है. जहां जगह है वहां चिकित्सा उपकरणों की सुविधा नहीं है. कहीं ऑक्सीजन की कमी, तो कहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन का अभाव है. सवाल यह उठता है कि ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज जाए तो जाए कहां।
ऐसा ही एक मामला जिले में सामने आया है जहां बुजुर्ग दंपती अस्पताल के बाहर जमीन पर ही तड़पते रहे. उनकी सुध लेना वाला कोई नहीं था. विधायक के हस्तक्षेप के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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यह मामला जिले के सिरोंज का है. जहां विगत दिनों कोरोना से पीडि़त पटवारी स्वर्गीय नितिन श्रीवास के माता पिता बीमार होने के बाद सिरोंज स्थित कोविड-19 अस्पताल पहुंचे थे. अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने के कारण घंटों जमीन पर ही तड़पते रहे.
प्रेस फोटोग्राफर दामाद ने विधायक को लगाया फोन
उनके दामाद प्रेस फोटोग्राफर जितेंद्र श्रीवास वहां पहुंचे और उन्होंने कुछ अधिकारियों से चर्चा की. अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए. तब नरयावली विधायक प्रदीप लारिया को उन्होंने मामले से अवगत कराया. विधायक लारिया ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में डॉक्टरों से चर्चा की और बुजुर्ग दंपती को वहां भर्ती कराया. इसके बाद मरीज दंपती सहित परिजनों ने राहत की सांस ली.
बताया जाता है कि बुजुर्ग दंपती का बेटा पटवारी था. इनका भी निधन हो चुका है. बुजुर्ग दंपती को जीवन के अंतिम पड़ाव में यह दिन देखना पड़ रहा है.