भानुप्रतापपुर/कांकेर. भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार-प्रसार का दौर आज थम गया. अब प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर प्रचार कर सकते हैं. चुनाव अभियान के आखरी दिन दोनों पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज धुंआधार प्रचार किया साथ ही दो सभाओं को संबोधित भी किया. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने आज पूर्व सीएम रमन सिंह के नेतृत्व में चारामा में रोड शो किया.

5 दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है. भानुप्रतापपुर विधानसभा में 228 ग्रामीण क्षेत्र हैं और 15 शहरी क्षेत्र. इसे देखते हुए इस बार क्षेत्र में कुल 256 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. भानुप्रतापपुर में कुल 195,678 मतदाता हैं. जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 140,051 है, वहीं 95,186 पुरूष मतदाता है. 80 साल से ज्यादा उम्र की महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से दोगुनी है. सेवा मतदाता 548 हैं, जिनके लिए ETPBMS के माध्यम से वोट की सुविधा है. इसके अलावा कोरोना संक्रमित मतदाता, 80 वर्ष से ज्यादा और दिव्यांग मतदाताओं को डाक मतपत्र के माध्यम वोट डालने की सुविधा होगी.

मनोज मंडावी के निधन से खाली हुई सीट

बता दें कि 16 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन से यह सीट खाली हुई थी. कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी की धमतरी में हार्ट अटैक से मौत हुई थी. हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने भानुप्रतापपुर में उपचुनाव की घोषणा की थी. जिसके लिए कांग्रेस ने दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं बीजेपी ने पूर्व विधायक ब्रम्हानंद नेताम को प्रत्याशी बनाया है.

चार सालों में पांचवा उपचुनाव

पिछले चार सालों में प्रदेश में ये पांचवा उपचुनाव है. पिछले 22 सालों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में अब तक कुल 13 बार उप चुनाव हो चुके हैं. वहीं 2018 से 2023 के पहले चार सालों में चार उपचुनाव पहले ही हाे चुके हैं. पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया. फिर दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में दूसरे उपचुनाव के बाद नया विधायक चुना गया. इसके बाद अजीत जोगी के निधन से खाली मरवाही विधानसभा में तीसरा और देवव्रत सिंह के निधन से खाली खैरागढ़ में चौथी बार उपचुनाव हुआ. अब ये पांचवां उपचुनाव होगा.

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