अविनाश श्रीवास्तव, सासाराम। जिले से एक अहम खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी सामने आने के बाद कि जन सुराज आंदोलन के सूत्रधार प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों जगहों की मतदाता सूची में दर्ज है, रोहतास जिला प्रशासन ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, करगहर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पदाधिकारी ने प्रशांत किशोर को नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र के कोनार गांव में स्थित उनके पैतृक घर के मतदाता सूची में दर्ज है। वहीं, पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र में भी उनका नाम मौजूद पाया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद निर्वाचक पदाधिकारी ने औपचारिक रूप से नोटिस जारी किया है और उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि दो राज्यों में एक साथ नाम दर्ज क्यों है।

नोटिस जारी होने के बाद जन सुराज के रोहतास जिला प्रवक्ता विनोद तिवारी ने बयान जारी करते हुए कहा कि, प्रशांत किशोर जी ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से अपना नाम हटाने के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है। यह एक तकनीकी त्रुटि है, जिसे सुधारने की प्रक्रिया चल रही है। प्रशासन अब प्रशांत किशोर के जवाब का इंतजार कर रहा है। स्पष्टीकरण आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

इस पूरे मामले पर प्रशांत किशोर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पीके ने कहा है कि, अगर दो जगह मतदाता-सूची में मेरा नाम है तो चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) हुआ, तो मेरा नाम क्यों नहीं कटा? उन्होंने कहा कि, 2019 से करगहर में मेरा नाम है। बीच में दो वर्ष बंगाल गया था तो वहां मतदाता बना था। चुनाव आयोग नोटिस क्यों भेज रहा है, अगर मेरी गलती है तो गिरफ्तार कर लें।

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