नई दिल्ली . चुनाव आयोग ने कहा कि वह मतदान के प्रत्येक चरण के बाद मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को समय पर जारी करने को उचित महत्व देता है. प्रत्येक चरण के मतदान के बाद अधिकारी मतदान % के आंकड़े समय पर जारी करने को उचित महत्व दें.
आयोग का यह बयान इस मुद्दे पर चुनाव प्राधिकरण द्वारा देरी और विसंगतियों के विपक्ष के आरोपों के बीच आया है. TMC , वामपंथी और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने दावा किया है कि जानबूझकर चुनाव आयोग मतदान के आंकड़े साझा नहीं कर रहा है और 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के कुछ दिनों बाद साझा किए गए आंकड़ों में विसंगतियां थीं.
चुनाव आयोग के काम में प्रकटीकरण और पारदर्शिता मानक प्रथाएं हैं. वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार, प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाता मतदान को फॉर्म 17सी में पूर्ण संख्या में दर्ज किया जाना है.
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पारदर्शिता के एक मजबूत उपाय के रूप में चुनाव अधिकारी और सभी उपस्थित मतदान एजेंट द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फार्म 17 सी की प्रतियां सभी उपस्थित मतदान एजेंट के साथ साझा की जाती हैं. आयोग ने कहा कि जहां तक कि डाले गए मतों की वास्तविक संख्या का बूथ-वार आंकड़ा भी उम्मीदवारों के पास उपलब्ध रहता है.
पहले चरण में 66.14 % मतदान हुआ है जबकि दूसरे चरण में 66.71 % मतदान हुआ है. यह 2019 के लोकसभा चुनाव मुकाबले थोड़ा कम है. आयोग के मुताबिक उसने अपना सारा ध्यान मतदाताओं के मतदान % को बढ़ाने पर केंद्रित किया हुआ है. दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया में कुछ महानगरों में मतदान % के स्तर से निराश है, जो कि भारत के उच्च तकनीक वाले शहरों में अत्यधिक उदासीनता का सूचक है. अगले फेज से पहले आयोग संबंधित नगरों के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए रखेगा. मौसम विभाग के मुताबिक, 7 मई को होने वाले आम चुनावों के तीसरे चरण के लिए गर्मी कोई बड़ी चिंता नहीं है.
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