Sandeshkhali Violence: एक जून को हुए सातवें चरण के मतदान के दिन से पश्चिम बंगाल (West Bengal ) के संदेशखाली में चुनावी हिंसा (election violence) का शुरू हुआ दौर तीन दिन बाद भी जारी है। संदेशखाली एक बार फिर से हिंसा की आग में जल रहा है। संदेशखाली में पुलिस और स्थानीय लोगों की झड़प जारी है।

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 संदेशखाली में एक बार फिर से हिंसा हुई है. यहां पर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली है।  पुलिस के साथ टकराव में स्थानीय महिलाएं सबसे आगे दिख रहीं हैं। पुलिस और महिलाओं के बीच टकराव का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

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बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि- टीएमसी के गुंडे लोगों को धमका रहे हैं। उन्होंने संदेशखाली का एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि मतदान के दिन के बाद संदेशखाली के लोगों को फिर से डराने की कोशिश की जा रही है। ये बूथ संख्या 35, सरबेरिया, संदेशखाली के हालात हैं। पुलिस टीएमसी के गुंडों के साथ मिलकर लोगों को धमका रही है। उन्होंने कहा, 4 जून के बाद वे सभी महिलाओं को विधवा बना देंगे. बीजेपी नेतृत्व फिलहाल मौके पर है।

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गवर्नर ने सीएम ममता बनर्जी से मांगी संदेशखाली पर रिपोर्ट 

इधर संदेशखाली में लगातार हो रही हिंसा पर पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) से रिपोर्ट मांगी है। आनंद बोस ने कहा कि वह संदेशखाली में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तुरंत हस्तक्षेप करने और वहां शांति बहाल करने को कहा। गवर्नर ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी से संदेशखाली में चुनाव के बाच हुई हिंसा को लेकर तत्काल रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा की घटनाओं को लेकर काफी ज्यादा सियासत भी हुई है. चुनाव में भी ये मुद्दा गरमाया हुआ था।

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जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल मामले की शुरुआत 1 जून को हुए सातवें और अंतिम चरण के मतदान के दिन से होती है। सातवें चरण में संदेशखाली में भी मतदान हुआ। वोटिंग के दौरान हुई हिंसा में पुलिस ने एक्शन लेते हुए एक स्थानीय व्यक्ति को हिरासत में लिया था। लोगों ने इसका विरोध किया और फिर जबरदस्ती उसे पुलिस से छुड़ाकर ले आए। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई और पुलिस के साथ स्थानीय लोगों का टकराव हुआ था। वहीं, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए स्थानीय लोगों पर एक्शन लिया और हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया था। पुलिस के साथ टकराव में स्थानीय महिलाएं सबसे आगे दिखीं थी। हिरासत में लिए गए आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस जब दोबारा गांव में पहुंची तो महिलाओं और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर टकराव देखने को मिला। स्थानीय लोगों ने पुलिस का विरोध किया, जिसके बाद उसे बिना आरोपी को पकड़े ही घटनास्थल से लौटना पड़ा।

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