अभिषेक मिश्रा, धमतरी। जिले के हरदिहा साहू समाज ने विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों का बहिष्कार का ऐलान किया है. राजनीतिक दलों द्वारा समाज की अनदेखी के कारण ये फैसला किया गया है. इस मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अब दावा कर रहे है कि नाराज लोगों को मना लिया जाएगा.

दरअसल धमतरी जिला एक साहू बहुल जिला है. यहां की तीन विधानसभा क्षेत्रों में से धमतरी और कुरुद में सबसे ज्यादा साहू समाज के मतदाता है. लेकिन साहू समाज के अंदर भी दो वर्ग है एक झिरिया साहू और दूसरा हरदिहा साहू. इसमें मतदाताओं के वर्गीकरण की बात करे तो कुल 68 हजार साहू मतदाताओं में से 38 हजार हरदिहा साहू है और बाकी के करीब 30 हजार झिरिया साहू है. दोनों समाज के अलग-अलग संगठन है. इन्ही में से एक हरदिहा साहू समाज ने बाकायदा बैठक लेकर सर्व सम्मति से भाजपा और कांग्रेस का चुनाव में बहिष्कार का फैसला कर लिया है. साहू समाज के तरफ से बताया जा रहा है कि उनके समाज के लोग सिर्फ बहु संख्यक ही नहीं बल्कि राजनीति में भी सक्रिय रहे है. लेकिन भाजपा और कांग्रेस न अपने संगठन में तवज्जो देते है और न ही प्रत्याशी चयन में. हरदिहा साहू समाज ने ये आरोप लगाया है कि बड़े दल हर बार झिरिया साहू समाज को ज्यादा तवज्जो देते रहे हैं.

यहां ये जानना बेहद जरूरी है कि अभी धमतरी की विधायक भाजपा की रंजना साहू है और वो इस बार भी प्रत्याशी हैं. उधर कांग्रेस ने भी ओमकार साहू को प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही झिरिया साहू समाज से हैं. भाजपा और कांग्रेस ने धमतरी में प्रत्याशी चयन में जातिगत अनुपात को देखकर ही साहू उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. लेकिन हरदिहा साहू समाज एक मत होकर कही और वोट देने का फैसला कर रहे तो ये धमतरी के चुनावी नतीजों को बिल्कुल अलग दिशा में मोड़ सकते है. क्योंकि 38 हजार वोट एक बड़ा नम्बर है. इस मामले में भाजपा और कांग्रेस ने बड़ी आसानी से ये कह दिया है कि ये नाराजगी शुरुआती है जो ठीक कर ली जाएगी.

कोई भी राजनीतिक दल इतने बड़े वोट बैंक को नजरअंदाज नहीं कर सकता. अब देखना होगा कि मतदान से पहले क्या धमतरी का हरदिहा साहू समाज क्या अपने फैसले पर अडिग रहता है या अपना रुख बदलता है.