नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आज पूर्वोत्तर के 3 राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. इन 3 राज्यों में 2 चरण में चुनाव होंगे. त्रिपुरा में 18 फरवरी को चुनाव होगा. वहीं मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को चुनाव होंगे. तीनों राज्यों के नतीजों का ऐलान 3 मार्च को किया जाएगा.
इन तीनों राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं. इन तीनों राज्यों का विधानसभा कार्यकाल मार्च में खत्म हो रहा है. भाजपा के लिए इन तीनों राज्यों के चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं. क्योंकि नॉर्थ ईस्ट में कांग्रेस का दबदबा रहा है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह त्रिपुरा के दौरे पर भी गए थे. इसी महीने के आखिर में बीजेपी त्रिपुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैलियां कराने की रणनीति भी बना रही है.
इधर राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ये पहले विधानसभा चुनाव हैं. 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी हुई थी. ये चुनाव उनके लिए चुनौती की तरह हैं. क्योंकि मेघालय में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है. साथ ही त्रिपुरा में इंडिजिनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकती है.
यहां है इनकी सरकार
नागालैंड- यहां नागा पीपुल्स फ्रंट की सरकार है. इस सरकार को बीजेपी का सपोर्ट है. हालांकि यहां भी राजनीतिक संकट बरकरार है. दरअसल पिछले एक साल में दो बार मुख्यमंत्री के बदलने से यहां के राजनीतिक हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. एनपीएफ के भीतर ही नेताओं के बीच भारी मतभेद हैं. नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद नीईफू रियो ने एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया है, जिसकी एनपीएफ के साथ गठबंधन तोड़ने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की संभावना है.
मेघालय- मेघालय में 60 विधानसभा सीट है. यहां कांग्रेस की सरकार है. मेघालय संयुक्त गठबंधन सरकार पिछले आठ वर्षों से सत्ता में है. मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कांग्रेस की सरकार को अस्थिर नहीं होने दिया है. इधर भाजपा केंद्र में अपने गठबंधन सहयोगी और मणिपुर राष्ट्रीय लोक पार्टी के साथ सत्ता में आने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है.
त्रिपुरा- त्रिपुरा में माकपा की अगुवाई वाला वाममोर्चा राज्य में 1993 से सत्ता में है. यहां मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने अपना चौथा कार्यकाल पूरा किया है. टीएमसी के छह और एक कांग्रेस विधायक के बीजेपी में शामिल होने के बाद से पार्टी मजबूत हुई है. वहीं बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की संभावना तलाश रही है.