मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश वासियों को जल्द ही सड़कों पर चल रही बसों से निकलने वाले धुएं से पूरी न सही मगर थोड़ी राहत मिलने वाली है। पीएम ई बस सेवा के अंतर्गत प्रदेश के 6 बड़े शहरों में Electric बसों का संचालन किया जाएगा। सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इसे लेकर फैसला भी किया जा चुका है। अभी इस योजना में चलाई जाने वाली बसों के संचालन और केंद्र से डिमांड समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ स्टैंडर्ड संचालन प्रक्रिया तैयार करने को लेकर नगरीय प्रशासन और विकास विभाग सक्रिय हो गया है। 

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दरअसल लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता लागू है। इस दौरान नीतिगत निर्णय लेने का काम सरकार नहीं कर सकती और न ही कैबिनेट बैठक कर सकती है। इसलिए अब मंत्रालय के अधिकारी आचार संहिता लागू होने से पहले लिए गए निर्णय के नियमों को बनाने और अन्य प्रक्रियाएं पूरी करने में जुटे हैं। इस सिलसिले में जल्द ही नगरीय विकास और आवास विभाग प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर एक हफ्ते के अंदर बैठक बुलाने वाली है। इस बैठक में बसों के संचालन की व्यवस्था के साथ एक्सपर्ट्स को भी बुलाया जाएगा, ताकि हर पहलू पर चर्चा की जा सके। साथ ही आचार संहिता खत्म होने के बाद इस मामले में विस्तृत चर्चा के बाद इसे फिर से कैबिनेट में लाया जा सके। 

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अब तक बसों के संचालक को लेकर जो फैसले हुए हैं, उसके अनुसार राज्य शासन बसों के संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित करेगी दूसरी ओर केंद्र सरकार का दावा है कि ई बसों के संचालन के बाद यात्रियों के किराए में 30 फीसदी तक की कमी हो सकती है। इसके साथ ही डीजल पर निर्भरता घटने के साथ ही प्रदूषण रोकने में भी आसानी होगी। 

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