शहडोल, उमरिया, खंडवा। मध्यप्रदेश में बिजली कटौती के साथ बिजली और कोयला उत्पादन में संकट गहराने के आसार नजर आ रहे हैं। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में कोयला कुछ ही दिनों के लिए बचा है। इसी तरह श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में भी कुछ ही दिनों के कोयला बचा है। जिससे आने वाले दिनों में बिजली कटौती और बढ़ सकती है। इधर इस सब के बीच कोयला उत्पादन के दौरान खदान में दबी 90 करोड़ की मशीन 20 दिन बाद निकली है। इस दौरान कोयला खनन बंद रहा।
संजय विश्वकर्मा, उमरिया। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में बिजली उत्पादन में सकंट गहराने के आसार नजर आ रहे है। बताया जाता है कि परिसर में मात्र 29 हजार मैट्रिक टन कोयला बचा है। इतने कोयले में मात्र डेढ़ दिन उत्पादन चलेगा। प्लांट की सभी 5 इकाइयों को पूरी क्षमता के साथ चलाने के लिये रोजाना 20 हजार टन कोयले की जरूरत होती है। कोयले के स्टॉक को लेकर मुख्य अभियंता वीके कैलासिया ने इसकी पुष्टि की है। 5 यूनिटों के माध्यम से 1340 मेगावाट की कुल क्षमता में मात्र हो पा रहा है 890 मेगावाट बिजली का उत्पादन। कोयले की कमी के कारण अपनी पूरी क्षमता से सभी यूनिटें नहीं चल पा रही है। 210 मेगावाट की यूनिट को वृहद वार्षिक रखरखाव के नाम पर 55 दिनों के लिए बन्द किया गया है।
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इमरान खान,खंडवा। मध्यप्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है।खंडवा के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में 1 लाख 22 हजार मिट्रिक टन कोयला का स्टॉक बचा है। प्रतिदिन 30 से 33 हजार टन कोयले की खपत होती है। इस हिसाब से थर्मल पावर में मात्र तीन से चार दिनों का कोयले का स्टॉक है। फेस 1 और फेस 2 की चारों यूनिट की क्षमता आधी हुई है।
अजयारविंद नामदेव, शहड़ोल। कोयला उत्पादन के दौरान खदान में दबी 90 करोड़ की मशीन 20 दिन बाद बाहर निकली है। मशीन खदान में दबने से 44 हजार टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ था। इस दौरान लगभग 20 दिनो कोयला उत्पादन बंद रहा। अचानक खदान में मशीन फंसने पर कई सवाल उठ रहे है। मामला एसईसीएल सोहागपुर अन्तर्गत बंगवार भूमिगत कोयला खदान का है।
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इधर सोहागपुर एसईसीएल कोल माइंस के धनपुरी ओसीएम में आज SECL स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सैकड़ों कर्मचारियों को बीपी और शुगर की शिकायत रही। जिनका प्राथमिक उपचार कर कुछ सावधानियां रखने की डाक्टरों द्वारा सलाह दी गई। दरअसल कोयला खदानों में 12 घंटे काम करने वाले मजदूरों कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते है। जो समय के अभाव में स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करा पाते, उनका शिविर के माध्यम से परीक्षण किया गया। शिविर में डॉ. आयुषी राय वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने सेवाएं दी।
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