कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. जिसे लेकर कांग्रेस और कमलनाथ मप्र सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं. अब इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यदि हम बिजली की दरों को तुलनात्मक रूप से देखते ,है तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. जब हमारी सरकार बनी, तब हमने 2020-21 में 1.98% के लगभग वृद्धि की. 2021-22 में हमने महज जीरो पॉइंट 0.63% की वृद्धि की. साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2.64% की वृद्धि की गई है.
इसके पीछे भी वृद्धि का मुख्य कारण कोयले की दर बढ़ने के साथ ही स्टाफ की सैलरी भी बढ़ाना है. इन सबके अतिरिक्त खर्चे बढ़ने के बाद भी हम कोशिश कर रहे हैं कि अगले वित्तीय वर्ष में जिस तरह से विद्युत दरों को बढ़ने से रोकने के लिए हम अंकुश लगा रहे है. यह कोशिश हम लगातार जारी रखेंगे. लेकिन कमलनाथ जी जो ट्वीट करके सवाल कर रहे हैं वह पहले जवाब दें कि उन्होंने अपने शासनकाल में 7% की वृद्धि क्यों की थी. जबकि हमारे 3 वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर भी 7% की वृद्धि नहीं हुई है. ऐसे में पहले कमलनाथ मेरे इन सवालों का जवाब दें.
बिजली दरों में बढ़ोतरी पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि जनता को महंगाई से राहत देने की जगह भाजपा लगातार महंगाई बढ़ाकर जनता की कमर तोड़ने का काम कर रही है. हमारी सरकार ने प्रदेश मे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देकर एक क्रांतिकारी कदम उठाया था. भाजपा सरकार आने के बाद आम उपभोक्ताओं का हजारों रुपए के बिल थमाया जा रहे हैं अब बिजली की दरों में भी वृद्धि कर दी गई.
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