ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक इंजीनियर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने इलेक्ट्रॉनिक त्वचा बनाई है. यह दर्द महसूस करने में सक्षम है. उनके मुताबिक यह मानव जैसी नई पीढ़ी के स्मार्ट रोबोट बनाने में मदद कर सकती है. वैज्ञानिक कई दशकों से इस पर काम कर रहे हैं, लेकिन सफलता अब मिली है.

 ग्लासगो विश्वविद्यालय के जेम्स वाट स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रविंदर दहिया ने मीडिया को बताया कि यह खोज न्यूरोमॉर्फिक मुद्रित ई-स्किन बनाने की दिशा में अहम है. उन्होंने कहा कि ई- त्वचा उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम है. विश्वविद्यालय में उनकी टीम ने सिनैप्टिक ट्रांजिस्टर पर आधारित एक नए प्रकार की प्रणाली के साथ कृत्रिम त्वचा विकसित की है. यह सीखने के लिए मस्तिष्क के तंत्रिका मार्गों की नकल करता है.

 बता दें कि रोबोट स्मार्ट त्वचा का उपयोग करता है. साथ ही यह बाहरी उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया करता है. दहिया ने बताया कि हम सभी अपने जीवन में जल्द ही दर्द जैसी उत्तेजनाओं का उचित जवाब देना सीखते हैं ताकि हमें खुद को फिर से चोट पहुंचाने से रोका जा सके. बेशक इलेक्ट्रॉनिक त्वचा के इस नए रूप के विकास में दर्द शामिल नहीं था, जैसा कि हम जानते हैं.

साइंस रोबोटिक्स में प्रकाशित

प्रिंटेड सिनैप्टिक ट्रांजिस्टर आधारित इलेक्ट्रॉनिक स्किन फॉर रोबोट्स टू फील एंड लर्न नामक शीर्षक से इसे साइंस रोबोटिक्स पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. इसमें स्कॉटिश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया है कि उन्होंने अपने प्रोटोटाइप कम्प्यूटेशनल ई-स्किन का निर्माण कैसे किया और यह कैसे बेहतर होता है. बता दें कि स्पर्श संवेदनशीलता के साथ कृत्रिम त्वचा बनाने के लिए वैज्ञानिक दशकों से काम कर रहे हैं.

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