Elon Musk Nazi Salute: अमेरिका के दिग्गज कारोबारी एलन मस्क पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यक्रम में नाजी सलामी करने का आरोप लगा है। सोमवार को डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद हुई रैली में एलन मस्क भई शामिल हुए थे। मस्क ने मंच से भाषण भी दिया। इस दौरान उन्होंने लोगों तानाशही हिटलर के नाजी सलामी की तरह ही लोगों को सैल्यूट किया। इसके बाद से मस्क के खिलाफ संग्राम छिड़ गया है। मस्क के खिलाफ अमेरिका से इटली तक विरोध हो रहा है। साथ ही सड़कों पर उनके पुतले लटकाए गए।

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दरअसल मस्क ने अपने भाषण के दौरान कहा- यह कोई आम जीत नहीं है। यह बहुत ज्यादा मायने रखती है। आपने इसे संभव किया है। इसके लिए आपका धन्यवाद। बहुत शुक्रिया। यह कहते हुए मस्क अपना दाहिना हाथ अपने सीने तक लाए और उसे बाहर की ओर फैलाया।

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सोशल मीडिया पर मस्क के इशारे की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो गईं। आलोचकों ने इस इशारे को नाजी जर्मनी के फासीवादी प्रतीक के रूप में देखा। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनका विरोध होने लगा। साथ ही इटली के मिलान शहर के प्रसिद्ध पियाजेल लोरेटो में एक छात्र समूह ने मस्क का पुतला उल्टा लटकाकर प्रदर्शन किया।

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यह जगह ऐतिहासिक रूप से फासीवादी नेता बेनिटो मुसोलिनी की बर्बरता का प्रतीक है। 1945 में मुसोलिनी और उनके साथियों को इसी स्थान पर उल्टा लटकाया गया था। छात्र समूह कैम्बियारे रोट्टा ने इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। उन्होंने मस्क का पुतला कचरे से बनाए गए बोरे से तैयार किया और उस पर मस्क के चेहरे का प्रिंट चिपकायाष समूह ने प्रदर्शन करते हुए मस्क की तुलना फासीवादी नेता से की।

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मस्क के आरोपों को बताया विरोधियों की गंदी चाल

हालांकि, मस्क ने इन आरोपों को खारिज किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “सच कहूं तो उन्हें (विरोधियों को) बेहतर गंदी चालों की जरूरत है। हिटलर को जोड़कर किसी पर हमला करने वाला मामला बेहद बोरियत भरा हो गया है।

नाजी सलामी: इसका इतिहास और महत्व
नाजी सलामी, जिसे ‘हेल हिटलर सैल्यूट’ के नाम से भी जाना जाता है। ये नाजी जर्मनी का आधिकारिक अभिवादन था। । हिटलर ने इस सैल्यूट का इस्तेमाल 1933 से 1945 तक तीसरे राइख (तीसरा जर्मन साम्राज्य) के दौरान किया था। नाजी सलामी में दाहिने हाथ को कंधे से हवा में उठाकर सलामी दी जाती थी, जिसमें हथेली नीचे की ओर होती है। यह इशारा प्राचीन रोम के सलामी तरीके से प्रेरित था।

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1921: नाजी पार्टी के भीतर इस सलामी का उपयोग शुरू हुआ.
1926: नाजी पार्टी ने इसे आधिकारिक सलामी घोषित किया.
1925: इतालवी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी ने इसे अपनाया, ताकि रोम साम्राज्य की भव्यता को दोबारा से जिंदा किया जा सके.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने नाजी प्रतीकों और सलामी पर सख्त प्रतिबंध लगाए. इनका इस्तेमाल अपराध माना जाता है, जिसके लिए जेल की सजा भी हो सकती है।

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अमेरिका में नाजी सलामी
अमेरिका में नाजी सलामी पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है। अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है, जिससे नफरत फैलाने वाले भाषण को भी कुछ हद तक सुरक्षा मिलती है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में इसे नफरत फैलाने वाले काम के रूप में देखा जाता है और इस पर कानूनी रोक है।

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