Spacex Starship Rocket Test Successfull: दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट ‘स्पेसएक्स स्टारशिप’ का टेस्ट कामयाब रहा है। दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट का 10वां टेस्ट आज 27 अगस्त को किया गया, जो पूरी तरह कामयाब रहा। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टैक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया था। ये टेस्ट 1 घंटे 6 मिनट का था। इस मिशन में पहली बार आठ डमी सैटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़े गए।

दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट (ऊपरी हिस्सा) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला हिस्सा) को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है।

इससे पहले ये टेस्ट 29 जून को होना था, लेकिन स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान स्टारशिप में ब्लास्ट हो गया था। इस टेस्ट में रॉकेट को जमीन पर रखकर उसके इंजन को चालू किया जाता है, ताकि लॉन्च से पहले सब कुछ ठीक हो, ये चेक किया जा सके। टेस्ट के दौरान रॉकेट के ऊपरी हिस्से में अचानक विस्फोट शुरू हुआ। देखते ही देखते पूरा रॉकेट आग के गोले में बदल गया था।

मिशन का उद्देश्य

  • स्टारशिप के ऊपरी हिस्से की इंडियन ओशन कंट्रोल्ड वॉटर-लैंडिंग कराई गई। वहीं सुपर हेवी बूस्टर को लॉन्च साइट पर वापस नहीं लाया गया। इसकी अमेरिका की खाड़ी में वॉटर लैंडिंग कराई गई। ऐसा जरूरी डेटा जुटाने के लिए किया गया।
  • स्टेज सेपरेशन के बाद बूस्टर ने एक कंट्रोल्ड दिशा में फ्लिप किया और फिर बूस्टबैक बर्न शुरू किया। इसमें कम प्रोपेलेंट रिजर्व रखने की जरूरत होती है, जिससे चढ़ाई के दौरान ज्यादा प्रोपेलेंट इस्तेमाल हो सकता है और ऑर्बिट में ज्यादा पेलोड ले जाया जा सकता है।
  • बूस्टर के लैंडिंग बर्न के दौरान एक खास इंजन कॉन्फिगरेशन का प्रदर्शन किया गया। लैंडिंग के अंतिम चरण में तीन सेंटर इंजनों में से एक को जानबूझकर बंद किया गया, ताकि यह जांचा जा सके कि मिडिल रिंग का बैकअप इंजन लैंडिंग को पूरा कर सकता है या नहीं।
  • मिशन में आठ स्टारलिंक सिम्युलेटर डिप्लॉय किया गया। ये सिम्युलेटर स्टारशिप के साथ सबऑर्बिटल ट्रैजेक्टरी पर है और इनके रीएंट्री के दौरान नष्ट होने की उम्मीद है। इसके अलावा अंतरिक्ष में एक रैप्टर इंजन को दोबारा चालू किया गया।

‘स्पेसएक्स स्टारशिप’ के सभी टेस्ट एक नजर मेंः-

पहला टेस्ट: 20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया था। स्टारशिप के फेल होने के बाद भी इलॉनमस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे।

दूसरे टेस्ट में बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 90 Km ऊपर यह फट गया था।

दूसरा टेस्ट: स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे किया गया था। लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 Km ऊपर यह फट गया। वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 Km ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा। फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया था।

तीसरा टेस्ट: ये टेस्ट 14 मार्च 2024 को हुआ था। स्पेसएक्स ने बताया था कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाया, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं इलॉन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधा दर्जन स्टारशिप उड़ान भरेंगे।

चौथा टेस्ट: स्टारशिप का चौथा टेस्ट 6 जून 2024 को हुआ था, जो सक्सेसफुल रहा था। 1.05 घंटे के इस मिशन को बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया था। इसमें स्टारशिप को स्पेस में ले जाया गया, फिर पृथ्वी पर वापस लाकर पानी पर लैंड कराया गया। टेस्ट के बाद कंपनी के मालिक इलॉन मस्क ने कहा था, ‘कई टाइल्स के नुकसान और एक डैमेज्ड फ्लैप के बावजूद स्टारशिप ने समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग की।

पांचवें टेस्ट में सुपर हैवी बूस्टर को पृथ्वी से 96 kM ऊपर ले जाने के बाद लॉन्च साइट पर वापस लाकर कैच किया गया।

पांचवां टेस्ट: स्टारशिप का पांचवां टेस्ट 13 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इस टेस्ट में पृथ्वी से 96 Km ऊपर भेजे गए सुपर हैवी बूस्टर को लॉन्चपैड पर वापस लाया गया, जिसे मैकेजिला ने पकड़ा। मैकेजिला दो मेटल आर्म हैं जो चॉपस्टिक्स की तरह दिखाई देती हैं। वहीं स्टारशिप की पृथ्वी के वायुमंडल में री-एंट्री कराकर हिंद महासागर में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई।

छठा टेस्ट: स्टारशिप का छठा टेस्ट 20 नवंबर 2024 को सुबह 03:30 बजे किया गया था। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस पहुंचे थे। इस टेस्ट में बूस्टर को लॉन्च करने के बाद वापस लॉन्चपैड पर कैच किया जाना था, लेकिन सभी पैरामीटर ठीक नहीं होने के कारण इसे पानी में लैंड कराने का फैसला लिया गया। स्टारशिप के इंजन को स्पेस में फिर से चालू किया गया। इसके बाद हिंद महासागर में लैंडिंग कराई गई थी।

सातवें टेस्ट में ब्लॉस्ट के बाद शिप के टुकड़े जमीन पर गिरे थे। इलॉन मस्क ने सोशल मीडिया पर इसकी फोटो शेयर की थी।

सातवां टेस्ट: 17 जनवरी 2025 को भी स्टारशिप का सातवां टेस्ट पूरी तरह से कामयाब नहीं रहा था। लॉन्चिंग के 8 मिनट बाद बूस्टर (निचला हिस्सा) अलग होकर वापस लॉन्च पैड पर आ गया था, लेकिन शिप (ऊपरी हिस्सा) में ऑक्सीजन लीक से ब्लास्ट हो गया था।

आठवां टेस्ट: स्टारशिप का आठवां टेस्ट भारतीय समयानुसार 7 मार्च को हुआ था। लॉन्चिंग के 7 मिनट बाद बूस्टर (निचला हिस्सा) अलग होकर वापस लॉन्च पैड पर आ गया। लेकिन 8 मिनट बाद शिप (ऊपरी हिस्सा) के छह इंजनों में से 4 ने काम करना बंद कर दिया जिससे शिप ने कंट्रोल खो दिया। इसके बाद ऑटोमेटेड अबॉर्ट सिस्टम ने शिप को ब्लास्ट कर दिया।

नौवां टेस्ट: 28 मई 2025 को हुए 9वें टेस्ट में लॉन्चिंग के करीब 30 मिनट बाद स्टारशिप ने कंट्रोल खो दिया था, जिस कारण पृथ्वी के वातावरण में एंटर करने पर ये नष्ट हो गया था। ये लगातार तीसरी बार था जब स्टारशिप आसमान में ही नष्ट हुआ था। हालांकि, बूस्टर ने अमेरिका की खाड़ी में हार्ड लैंडिंग की।

यह भी पढ़ेंः- ‘एक मूर्ख की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता…,’ किरेन रिजिजू का राहुल गांधी पर करारा वार, बोले- अब हर बिल पास कराएगी सरकार

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m