मालदीव. मालदीव में आपातकाल लगा दिया गया है. यह आपातकाल 15 दिनों के लिए लगाया गया है. मालदीव में बढ़ते राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने यह घोषणा की है. बताया जा रहा है कि राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के लिए देश के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को राष्ट्रपति ग़यूम ने मानने से मना कर दिया था.
इसी बीच सरकारी टेलीविजन पर राष्ट्रपति की सहयोगी अज़िमा शुकूर ने आपातकाल का एलान किया. यह एलान भरतीय समय के मुताबिक सोमवार की शाम को किया गया है.
आपातकाल की सूचना ट्विटर पर दी गई
https://twitter.com/presidencymv/status/960545096679608321
मालदीव के राष्ट्रपति के आधिकारिक फेसबुक पर भी सूचना में कहा गया है कि…
“मालदीव के अनुच्छेद 253 के तहत अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने आपातकाल का एलान कर दिया है. इस दौरान कुछ अधिकार सीमित रहेंगे, लेकिन सामान्य हलचल, सेवाएं और व्यापार इससे बेअसर रहेंगे.
मालदीव सरकार यह आश्वस्त करना चाहती है कि देश के सभी नागरिकों और यहां रह रहे विदेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.”
https://www.facebook.com/notes/the-presidents-office/president-declares-state-of-emergency/1710761668982471/
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों को संदिग्धों को हिरासत में लेने और गिरफ़्तार करने की अतिरिक्त छूट आपातकाल के बाद मिल जाएगी. संसद को सरकार के द्वारा पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट यदि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के ख़िलाफ़ महाभियोग लाने की कोशिश करे तो उसे अमल में आने से रोकने के लिए भी राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन सेना को आदेश दिये गये है.
गौरतलब बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति यमीन का शासन अचानक संकट में तब आ गया था. जब वहां की सर्वोच्च अदालत ने नौ सांसदों की रिहाई का आदेश दिये थे. ऐसा होने पर संसद में विपक्ष का बहुमत हो जाता. उसके बाद राष्ट्रपति यामीन ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया और संसद को निलंबित कर दिया. उन्होंने कुछ अधिकारियों को बर्ख़ास्त भी कर दिया.