फाल्कन घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है. ED (Enforcement Directorate) ने हैदराबाद (Hyderabad) के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (RGIA) पर एक हॉकर 800A जेट (टेल नंबर N935H) जब्त किया है. यह प्राइवेट जेट कथित तौर 850 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार का है. आरोपी ने इस विमान का इस्तेमाल 22 जनवरी को दुबई (Dubai) भागने के लिए किया था. जांच एजेंसी के अनुसार आरोपी अमरदीप कुमार ने यह प्राइवेट जेट घोटाले के पैसे से 14 करोड़ रुपये में खरीदा था.

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जानकारी के मुताबिक आरोपी अमरदीप कुमार ने प्रेस्टीज जेट्स इंक के माध्यम से 2024 में $1.6 मिलियन (लगभग ₹14 करोड़) में खरीदे गए इस जेट को कथित पोंजी स्कीम से फंड का उपयोग करके हासिल किया गया है, जिससे यह अपराध की सीधी आय बन जाती है. प्रवर्तन निदेशालय इनवॉइस डिस्काउंटिंग निवेश अवसरों की आड़ में 850 करोड़ रुपये की पोंजी स्कीम को बढ़ावा देने के लिए फाल्कन ग्रुप (कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड), इसके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कुमार और अन्य प्रमुख अधिकारियों की जांच कर रहा है.

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कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की काव्या नल्लूरी अरेस्ट

गौरतलब है कि विमान का उपयोग 22 जनवरी को दुबई भगाने के लिए किया गया. इसी की सूचना पर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने तलाशी ली. इस मामले में चालक दल और अमरदीप कुमार के एक करीबी सहयोगी के बयान दर्ज कया और जेट को अपने कब्जे में ले लिया. वहीं 15 फरवरी को, साइबराबाद पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने घोटाले के सिलसिले में सीपीएफपी के उपाध्यक्ष और फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग (एफआईडी) के बिजनेस हेड पवन कुमार ओडेला और सीपीएफपी और फाल्कन कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक काव्या नल्लूरी को गिरफ्तार किया. 

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निवेशकों से एकत्र किए 1700 करोड़ रुपये

वहीं इस घोटाले का मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार और दो अन्य संदिग्ध, आर्यन सिंह (सीओओ) और योगेंद्र सिंह (सीईओ) फरार हैं. फाल्कन ग्रुप ने आरोप है कि कंपनी ने निवेशकों से लगभग 1,700 करोड़ रुपये एकत्र किए, उन्हें अल्पकालिक जमा पर उच्च रिटर्न का वादा किया, जबकि 850 करोड़ रुपये चुकाए गए, शेष राशि 6,979 जमाकर्ताओं को नहीं दी गई.

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जांच से पता चला कि FID प्लेटफ़ॉर्म को पीयर-टू-पीयर निवेश मॉडल के रूप में विपणन किया गया था, जिसमें जमाकर्ताओं को ब्रिटानिया, अमेज़ॅन और गोदरेज जैसे शीर्ष-स्तरीय कॉर्पोरेट ग्राहकों से जोड़ने का दावा किया गया था. हालांकि, विक्रेता प्रोफ़ाइल और लेन-देन पूरी तरह से गढ़े गए थे, जिससे वैधता का आभास होता था.

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