शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली बिल माफी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग जारी है। इस मुद्दे को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इस बीच सरकार के बिजली बिल माफी पर अभियंता संघ ने भी सवाल उठाया है। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव वीएस परिहार ने कहा है कि बिजली कंपनियों की खस्ताहाल के लिए सरकार जिम्मेदार है।

जानकारी के अनुसार पहले से बिजली कंपनियों को सरकार से सब्सिडी की राशि लगभग 20 हजार करोड रुपए लेना है। विद्युत अधिनियम 2003 धारा 65 यह कहती है कि विद्युत बिल माफ करने से पहले सरकार को सब्सिडी की राशि बिजली कंपनियों में जमा करनी होती है।

मुख्यमंत्री ने कल विधानसभा में लगभग 5 हजार करोड रुपए बिल माफी की घोषणा कर दी है। एक ओर सरकार माफी योजना चलाती है दूसरी ओर विद्युत अधिकारी कर्मचारियों पर राजस्व वसूली का इतना दबाव डाला जाता है कि मारपीट की घटनाएं लगातार बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल ने मुख्यमंत्री को बिजली कंपनियों से राजस्व वसूली का काम राजस्व विभाग को देने का प्रस्ताव दिया है।

बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने का ऐलान किया है। प्रदेश के 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का 6 हजार करोड़ का बकाया बिल माफ किया जाएगा। वहीं सरकार के इस फैसले पर सिसायत भी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। कहा सरकार को देरी से निर्णय लेने के लिए जनता से मॉफी मांगना चाहिए।

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