प्रशांत सिंह, जांजगीर चांपा. प्री वेडिंग शूट में छत्तीसगढ़ की परिधान और ग्रामीण लुक में दूल्हा दुल्हन का फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सुर्खियों में आए इंजीनियर दूल्हे की आज बारात बैलगाड़ी से निकली. बारात ऐसी, जिसे देखने गली मोहल्ला नहीं बल्कि नगर के लोग भी उमड़ पड़े.

जी हां छत्तीसगढ़ के प्रमुख वाहन बैलगाड़ी में पागा लगाकर इंजीनियर दूल्हा सवार हुआ और बाजा में छत्तीसगढ़ का लोक नृत्य कर्मा मंडली मांदर, झाझ मजीरा के साथ निकला. दिन में निकली इस बारात को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संजोए रखने के लिए किए गए इस प्रयास की सराहना करते रहे.

इंजीनियर दूल्हा ने अपनी शादी के हर रस्म को छत्तीसगढ़िया संस्कृति के नाम कर दिया. जांजगीर के पुरानी बस्ती चितरपारा में रहने वाले राठौर की आज शादी है. पेशे से इंजीनियर देवेंद्र राठौर ने अपनी शादी के लिए खास तैयारी की और प्री वेडिंग शूट में छत्तीसगढ़िया अंदाज में फोटो और वीडियो शूट कराया, जिसे सोशल मीडिया में देखने के बाद लोगों की खूब सराहना मिली.

महिलाएं भी छत्तीसगढ़िया पहनावे को दी प्राथमिकता

इंजीनियर देवेंद्र राठौर ने इसी छत्तीसगढ़िया अंदाज को आगे बढ़ाते हुए आज बैलगाड़ी में बारात निकली, जिसमें छत्तीसगढ़ की प्रमुख वाद्य यंत्र मांदर, झांझ, मंजिरा के साथ कलाकार नाचते गाते हुए निकले. इतना ही नहीं बारात में शामिल परिवार की महिलाओं ने भी छत्तीसगढ़िया पहनावा को प्रथमिकता दी और हरा लुगरा के साथ कमर में करधन, हाथ में ककनी, कड़ा, पैरी पहनकर निकली और नृत्य भी की.

युवा पीढ़ी को संस्कृति से परिचय कराने की कोशिश

शादी के इस छत्तीसगढ़िया अंदाज को लेकर दूल्हा देवेंद्र राठौर का कहना है कि आज समाज और छत्तीसगढ़ के लोग अपनी मूल को भूलते जा रहे हैं और पश्चिमी संस्कृति में रमते जा रहे हैं. इसके कारण डीजे के कानफोड़ू साउंड और तामझाम में हमारी संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. हमने परिवार के साथ चर्चा की और छत्तीसगढ़िया अंदाज में बारात निकालकर आज के युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचय कराने की कोशिश की है.

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