साल 1975 में देश का पहला वर्ल्ड कप खेला गया था. इंग्लैंड का इसे जितने का सपना 44 साल बाद पूरा हुआ. यानी 14 जुलाई 2019 को इंग्लैंड ने अपना पहला वर्ल्ड कप खिताब (50 ओवरों का) जीता था. वहीं, इंग्लैंड की टीम के लिए आज का दिन बेहद खास है. इस मुकाबले में इंग्लैंड ने खिताब जीतने के लिए फाइनल में न्यूजीलैंड टीम को नहीं, बल्कि बड़े विवादों को हराया था. जिसके बाद इंग्लैंड की टीम को चैम्पियन बनने का मौका मिला था.

दरअसल, पहले वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स में खेला गया था. इसमें टॉस जीतकर न्यूजीलैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 8 विकेट पर 241 रन बनाए थे. इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम भी 241 रनों पर ही सिमट गई थी. जिसके बाद मैच ‘टाई’ हो गया था. तब वनडे और खासकर वर्ल्ड कप में पहली बार सुपर ओवर नियम लागू किया गया.

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हुआ था बाउंड्री काउंट विवाद

मैच में सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने बराबर 15-15 रन बनाए और यहां भी मैच का नतीजा नहीं निकला था. मैच और सुपर ओवर दोनों टाई होने के बाद ICC ने बाउंड्री काउंट नियम लागू किया, जिसके तहत इंग्लैंड की टीम को विजेता घोषित किया गया. बाउंड्री काउंट नियम मतलब मैच में जिस टीम ने ज्यादा चौके लगाए, उसे विनर बनाया गया. यह उस नियम उस समय एक बड़ा विवाद रहा था. जिसे बाद में आईसीसी ने आलोचनाओं के बाद बदल दिया था.

ओवर थ्रो विवाद

बता दें कि फाइनल मैच के आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर बेन स्टोक्स ने डीप मिड विकेट पर शॉट खेला था और मार्टिन गुप्टिल ने गेंद को विकेटकीपर के छोर पर फेंकी थी. स्टोक्स ने अपनी क्रीज में पहुंचने के लिए डाइव लगाया. तभी गेंद स्टोक्स के बल्ले से लगकर बाउंड्री की तरफ निकल गई और अंत में इंग्लैंड को 6 रन मिले थे. बाद में यह घटना विवाद का कारण बन गई थी, क्योंकि दोनों टीमों के स्कोर बराबर होने के चलते मैच सुपर ओवर में चला गया था.

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इंग्लैंड को सिर्फ आलोचनाएं मिलीं

वर्ल्ड कप के फाइनल जीतने के बाद भी इंग्लैंड की टीम को ज्यादातर फैंस और क्रिकेट जगत से आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं. जबकि न्यूजीलैंड के एफर्ट की लोगों ने जमकर तारीफ किया था. आलोचनाओं में कहा गया था कि इंग्लैंड को खेल भावना दिखानी चाहिए थी और निष्पक्ष तौर पर फैसला निकलने के बाद ही खिताब पर दावेदारी करनी चाहिए थी.