EV Charging Station: नमो भारत रैपिड रेल के विकास से ने केवल दिल्ली से मेरठ ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों लाभ होगा बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग करने वाले लोगों को भी चार्जिंग की सेवा मिल रही है. जी हां आपने सही सुना. अब आपको वाहन को चार्ज करने के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है. गाजियाबाद के साहिबाबाद नमो भारत ट्रेन स्टेशन पर इलेक्ट्रिक वाहनों (EV Charging) के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाया गया है. ये रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर का पहला इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन है.

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन आपको साहिबाबाद स्टेशन के गेट नंबर 1 पर मिलेगा. यहां सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सकता है. इतना ही नहीं नमो भारत के अन्य स्टेशनों पर भी इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी की जा रही है. आइए आपको साहिबाबाद स्टेशन के इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन और अन्य स्थानों पर बनने वाले चार्जिंग स्टेशनों के बारे में बताएं.

पहले फेस में इन 4 स्टेशनों पर शुरु होगी सेवाएं

पहले फेस में साहिबाबाद से दुहाई स्टेशन तक शुरू हुई नमो भारत ट्रेन के अंतर्गत आने वाले 4 स्टेशनों पर ये सेवाएं शुरू की जाएंगी. इलेक्ट्रिक ऑटो फीडर सेवा का किराया भी बेहद कम रहेगा. साथ ही इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने आखिरी गंतव्य स्थान तक पहुंचने में मदद भी मिलेगी.यात्रियों की सुविधा के लिए यहां वाहनों की चार्जिंग के लिए 3.3 किलोवाट की क्षमता वाली तीन धीमी चार्जिंग यूनिट और इसके साथ ही 30 किलोवाट की क्षमता वाली एक तेज चार्जिंग यूनिट लगाई गई है.

वाहन मालिक ऐसे उठा सकते हैं चार्जिंग का लाभ

इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वाहन मालिकों को एक निर्धारित मोबाइल एप्लिकेशन का प्रयोग करना होगा. जिसमें वाहनों की चार्जिंग के दौरान उपयोग होने वाली विद्युत की खपत की मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी. इसके साथ ही इस मोबाइल एप्लिकेशन में वाहन चार्जिंग में उपयोग हुई विद्युत की यूनिट के हिसाब से ऑनलाइन भुगतान करने की भी सुविधा होगी.

सुविधा, स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने लिए नमो भारत कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है. एनसीआरटीसी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए साहिबाबाद स्टेशन पर पहले इलैक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन तैयार किया है. अब यात्री अपने ई वाहनों को साहिबाबाद स्टेशन पर लाकर आसानी से चार्ज कर सकेंगे. एनसीआरटीसी का यह कदम लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के कई उपायों में से एक है.

इस नीति का मुख्य मकसद अगले पांच वर्षों में स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर नॉन-ट्रैक्शन मकसदों के लिए लगभग 11 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा पैदा करके रिन्युएलब एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) के स्रोत को बढ़ाने के लिए एनसीआरटीसी के लक्ष्य का समर्थन करना है.