शेखर उप्पल, गुना। लोकतंत्र की पहचान चुनाव है। चुनाव लोगों को स्वतंत्र रूप से मत देने और अपना प्रतिनिधि चुनने की आजादी देते हैं। इसलिए चुनाव को लोकतंत्र में महापर्व की संज्ञा दी गई है। गुना के दो दिव्यांगों के जज्बे को देखकर भी आप लोकतंत्र में इस चुनाव रूपी महापर्व को समझ सकते हैं। पंचायत मंत्री के विधानसभा में दो दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं को लाभ नहीं मिला। ये चाहते तो शासन-प्रशासन से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मतदान नहीं करने जा सकते थे। बावजूद इसके ये दोनों चुनाव का महत्व समझते हुए खुद एक किमी दूर मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान किया।

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मामला गुना जिले के ग्राम दुधाई का है। यहां पैरों से विकलांग युवक हरि सिंह को विकलांगता मतदान करने के जज्बे को रोक नहीं पाई। हरि सिंहर जिला पंचायत सदस्य के मतदान के लिए घिसटते हुए 1 किलोमीटर दूर जाकर मतदान किया। वहीं दुधाई के ही सलमान सिंह यादव भी पैर से विकलांग हैं। बावजूद इसके मतदान केंद्र जाकर वोट दिया।

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दोनों विकलांगो के पैर बचपन से काम नहीं कर रहे हैं।गरीब परिस्थितियों के चलते शासन की मुख्यधारा में जोड़ने वाली शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ भी इन्हें लचर व्यवस्था के चलते नहीं मिल पाया है।ग्राम दुधाई के गरीब हरि सिंह सहरिया समाज के विकलांग युवक के पास अपनी गरीबी के सिवा कुछ नहीं है। इस युवक के न पिता है और न ही अन्य परिजन, न तो इनके पास खाने की सामग्री है न रहने के लिए उचित मकान। सरकारी योजना के तहत ट्राइसिकल भी नहीं मिला है। गांव वालों की सहायता से जीवन यापन कर रहे हैं। वहीं ग्राम दुधाई के ही सलमान सिंह यादव भी पैरों से विकलांग हैं। इसके बाद भी घिसटते हुए मतदान करने चल निकले जो उनके घर से 1 किलोमीटर दूर था। यादव ने कहा कि हम विकलांग है चल नहीं पाते हैं। कोई हमारी नहीं सुनता है। शासन से न ही साइकिल न ही अन्य सुविधाएं मिली। हम बहुत परेशानी में है। सरकार ध्यान नहीं देती।

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कई ग्रामीणों ने सरकारी योजनाओं को नहीं मिल रहा लाभ

बता दें कि इस ग्राम में कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास शासन की दी जाने वाली योजनाओं के तहत सुविधाए आज तक नहीं पहुंची है। यह विधानसभा से ही प्रदेश सरकार के ग्रामीण पंचायत एवं विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया मंत्री है, जो विधानसभा चुनाव इन सहरिया समाज के ही बहुमत से चुनाव जीतते हैं। लेकिन उनकी ही विधानसभा छेत्र के ग्राम दुधाई में सहरियो की हालत बद से बदतर है।

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