लक्ष्मीकांत बंसौड, बालौद. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानि मनरेगा के तहत कराये गये काम की मजदूरी का भुगतान नहीं किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. डौण्डी आदिवासी विकासखण्ड के 18 ग्राम पंचायतों में अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही के चलते अब तक लगभग 21 लाख रूपये का मनरेगा का भुगतान नहीं किया गया है. यह भुगतान पिछले तीन सालों से लंबित है. इस भुगतान के लिए मजदूरों ने डौण्डी जनपद सीईओ से मांग की है.
मनरेगा के तहत 18 ग्राम पंचायतों के गांव में किये गये विभिन्न कार्यों का मजदूरी भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इस भुगतान की मांग को लेकर ग्राम पंचायत चिहरों के 70 मजदूर जनपद कार्यालय डौण्डी पहुंचे. जहां पर उन्होंने सीईओ के सामने अपनी समस्या रखते हुए जल्द से जल्द मजदूरी का भुगतान किये जाने की मांग की है.
जिस पर उपस्थित अधिकारी द्वारा ग्रामीणों की बात को गंभीरता से लेते हुए तत्काल रोजगार सहायक और संबंधी डाक घर के अधिकारी से संपर्क कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली. इस पर अधिकारी ने बताया कि पोस्ट ऑफिस में खाता होने के चलते भुगतान में देरी हो रही है. लेकिन अब जल्द ही आप लोगों का भुगतान कर दिया जाएगा.
बताया जा रहा है कि मनरेगा का लगभग 21 लाख रूपए का भुगतान अब तक शेष है. जिसे लेकर जनवरी में जनपद कार्यालय डौण्डी में अनुविभागीय अधिकारी एस के गुप्ता द्वारा संबंधी अधिकारी, कर्मचारियों, सचिव, रोजगार सहायकों की बैठक लेकर निर्देश दिया गया था. डाक विभाग द्वारा यदि 15 दिनों में रूका हुआ मजदूरी भुगतान नहीं किया जाता है, तो लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. लेकिन इसके बाद भी अब तक इन मजदूरों को मनरेगा के बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
अब प्रोग्राम अधिकारी का कहना है कि पूर्व में डाक द्वारा मजदूरी भुगतान किया जा रहा था. डाक अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते भुगतान में विलंब हो रहा था. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन सभी परेशानियों को देखते हुए अब बैंक के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है.