अमृतसर। करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) 17 नवंबर से खुल गया है. इसे दोबारा खोले जाने को लेकर श्रेय लेने की होड़ मच गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खुद को क्रेडिट देने में लगे हुए हैं. इस क्रेडिट वॉर में भाजपा बाजी मारती हुई दिख रही है. कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी आज करतारपुर साहिब जाएंगे, लेकिन उनसे पहले सुबह 8 बजे ही भाजपा का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल करतारपुर कॉरिडोर पहुंच गया, जिसकी अगुवाई पंजाब भाजपा प्रदेश ईकाई के प्रधान अश्वनी शर्मा कर रहे हैं. दल में बीजेपी के 20 वरिष्ठ नेता शामिल हैं.

आज से खुल गया करतारपुर कॉरिडोर, कल 10 मत्रियों के साथ CM चन्नी और परसों 6 मंत्री और कांग्रेस MLA होंगे रवाना

 

पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इस मौके पर नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कोशिशों के कारण ही करतारपुर गलियारा दोबारा खुल पाया है. ये राजनीति करने का वक्त नहीं है, बल्कि खुशी मनाने का वक्त है कि गुरूपर्व के पहले कॉरिडोर खुल गया. अब भाजपा का 21 सदस्यों का डेलिगेशन करतारपुर साहिब में दर्शन करने के लिए जा रहा है. अश्वनी शर्मा ने कहा कि वहां जाकर देश की भलाई के लिए अरदास की जाएगी. उन्होंने क्रेडिट वॉर और पाकिस्तान के साथ व्यापार को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर उन्होंने कहा कि बाबा नानक जिसे बुलाएंगे, वही करतारपुर साहिब जा पाएगा.

 

सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है करतारपुर साहिब

करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. यह सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन भी हुआ था. 1522 में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक करतारपुर आए थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आखिरी 17-18 साल यही गुजारे थे. 22 सितंबर 1539 को इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक जी ने आखिरी सांसें ली थीं, इसलिए इस गुरुद्वारे की काफी मान्यता है.

पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है करतारपुर साहिब

करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है. यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से 3 से 4 किलोमीटर दूर है और करीब लाहौर से 120 किमी दूर है.

 

करतारपुर साहिब कॉरिडोर क्या है ?

भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है. इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है.