कोरबा। छत्तीसगढ़ में शराब की हर बोतल का अब अपना यूनिक नंबर होगा. शराब फैक्टरी से बोतल निकलने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार उसे एक नंबर जारी करेगी और बार कोडिंग नंबर को ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम पर डालकर कहीं भी असली-नकली की पहचान हो सकेगी.
आबकारी विभाग 2डी बार कोडिंग की शुरूआत कर रहा है जिसमें शराब के ब्रांड के साथ बोतल का नंबर, स्थान समेत तमाम जानकारी होगी. इसके पीछे सरकार का तर्क है कि बार कोडिंग से न सिर्फ असली शराब मिलेगी बल्कि पड़ोसी राज्यों से तस्करी होकर छत्तीसगढ़ में बिकने वाली शराब की बिक्री भी बंद होगी.
आबकारी विभाग ने बोतलों की बार कोडिंग की टेस्टिंग कर ली है. जल्द ही जिले के सभी 38 शराब दुकानों में बार कोडिंग का पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है. यहां दुकानों पर आने वाली हर बोतल का एक यूनिक नंबर होगा. बार कोड रीडर से उसे पढ़ा जा सकेगा. यहां किस ब्रांड की कितनी बोतलें बिकीं और कितनी बचीं, यह अपडेट भी तुरंत मिल सकेगा.
जिला आबाकरी अधिकारी मंजू श्री ने जानकारी देते बताया कि शराब का ठेका समाप्त करने के बाद अभी पड़ोसी राज्य से शराब लाकर ग्रामीण इलाकों में अवैध खपत की जानकारी मिल रही, जो दिखने में बिल्कुल हमारे यहां बेची जा रही शराब की तरह ही होती है. अब जहां विभाग को छापेमारी या सर्वे में बार कोड रीडर से सब कुछ तय करना आसान होगा वहीं दुकानदार को बिलिंग करने की जरूरत नहीं होगी.
रीडर को बार कोडिंग दिखाते ही तमाम जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी और ग्राहक के मांगे जाने पर उसे तुरंत बिल भी दिया जा सकेगा. इससे न केवल बाहरी शराब पर रोक लगाने में मदद मिल सकेगी बल्कि स्टाॅक आदि भी आॅनलाईन चेक किया जा सकेगा. साथ ही इस नई व्यवस्था से ग्राहकों को इस बात की भी शिकायत नहीं होगी कि उनसे सेल्समेन तय कीमत से अधिक वसूल लिया.