भारत में यहां विराजमान है देवी मां की एकमात्र विलक्षण मूर्ति, मां के इस मंदिर में दर्शन मात्र से ही पूरी हो जाती हैं सभी मुरादें.

गाजियाबाद/बुलंदशहर. जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर खुर्जा में श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर को खुर्जा वाली मैय्या के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि पर आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यहां हर दिन उन्हें मां के नए रूप के दर्शन होते हैं. श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में अष्टधातु की चार टन वजन की 27 खंडों में बनी शक्ति स्वरूपा की मूर्ति है, जिसमें मां के नौ रूप समाहित हैं. इस अठारहभुजा वाली मूर्ति में श्रद्धालु देवी मां के सभी नौ रूपों के दर्शन करते हैं. मंदिर के सचिव डॉ. मोहनलाल का दावा है कि मां दुर्गा कि ऐसी विलक्षण मूर्ति भारत में दूसरी और कहीं नहीं है.

एक में समाए महामाई के नौ रूप

श्रीनवदुर्गा मन्दिर में आदिशक्ति मां जगदम्बा के सभी नौ रूपों का श्रंगार भी हर रोज अलग-अलग होता है. श्रंगार से एक दिन पहले मां की पोशाक की पूजा होती है. इस विग्रह को ‘श्री दुर्गा पंचायत’ का रूप दिया गया है, जिसमें मां भवानी एक रथ पर कमलासन मुद्रा में विराजमान हैं. उनके दायीं ओर हनुमान जी और बायीं ओर भैरों जी उनकी अगुवाई कर रहे हैं. रथ के शीर्ष पर भगवान शंकर विराजमान हैं तथा रथ के सारथी भगवान श्री गणेश हैं.

परिक्रमा का विशेष महत्व

श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर के चारों ओर एक परिक्रमा मार्ग का भी निर्माण किया गया है. जिसकी 108 परिक्रमाओं की कुल लम्बाई श्री गोर्वधन परिक्रमा मार्ग के बराबर है. कहते हैं कि नवरात्रि में मन्दिर की 108 परिक्रमा करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं. नवरात्रि में मन्दिर की 108 परिक्रमा करने का विषेश महत्व भी है.

दो हजार वर्ग में फैला है मंदिर

खुर्जा जीटी रोड स्थित अलीगढ़ चुंगी के निकट करीब दो हजार वर्ग गज में श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर बना हुआ है. भूतल से मन्दिर की ऊंचाई 30 फीट व इसके शिखर की ऊंचाई 60 फीट है. मन्दिर के मुख्य द्वार का निर्माण इस तकनीक से किया गया है कि सड़क से ही माता रानी के मुख्य भवन के दर्शन किए जा सकते हैं. मन्दिर प्रांगण में सभी दीवारों व छत पर दिल्ली व जयपुर के कलाकारों द्वारा शीशे की महीन कारीगरी की गई है.

देवी मंदिर में विशेष आरती

श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में सुबह विशेष आरती के बाद मां का दरबार श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है. मन्दिर के सचिव डॉ मोहनलाल ने बताया कि सुबह पांच बजे की मंगला आरती और मुख्य आरती का मनोकामना पूरी होती है. श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में नवरात्रियों के दिनों में हर रोज 56 भोग लगाए जाते हैं, वहीं अष्टमी वाले दिन आदिशक्ति मां जगदम्बा को एक हजार किलो हलवे का भोग लगता है. श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में स्थापित मूर्ति लखनऊ के मूर्तिकार सुनील प्रजापति समेत दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, मथुरा, बनारस व अलीगढ़ के करीब 100 से अधिक कलाकारों और मूर्तिकारों के प्रयासों से तैयार हुई थी. इसे बनने में एक वर्ष का समय लगा था.