नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला मंत्री रहे दिलीप रे को दिल्ली की अदालत ने कोयला खदान के आबंटन में गड़बड़ी के मद्देनजर तीन साल की सजा के साथ दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. मामला 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ‘ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक’ के आवंटन से जुड़ा है.

मामले की विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने मामले की सुनवाई करते हुए इस महीने की शुरुआत में सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद 26 अक्टूबर को फैसला दिया जाना तय किया था, इस दौरान सभी पक्षों से भौतिक रूप से उपस्थित रहने को कहा गया था. अदालत ने आज फैसला सुनाते हुए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री दिलीप रे के साथ कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम के साथ सीटीएल कंपनी के डायरेक्टर महेंद्र कुमार अग्रवाल को तीन-तीन साल की सजा और 10-10 लाख का जुर्माना लगाया है.

मामले में अदालत ने अदालत ने कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) पर 60 लाख और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने दोनों कंपनियों को भी दोषी करार दिया था.