रायपुर-  पूर्व गृहमंत्री और मौजूदा बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर ने आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है. कंवर ने रविवार की आधी रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से एक बार फिर मुलाकात करते हुए मुकेश गुप्ता के खिलाफ आठ पेज की शिकायतों का नया पुलिंदा सौंपा है. कंवर ने मुकेश गुप्ता पर गंभीर किस्म के अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कंवर ने कहा है कि हत्या जैसे कई गंभीर धाराओं के अपराधियों को गुप्ता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए न केवल संरक्षण दिया, बल्कि उनकी गिरफ्तारी को रोके रखा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल अपराधियों को गिरफ्त में लेने की मांग की है. ननकीराम कंवर ने सनसनीखेज बयान देते हुए यह भी कहा है कि- मुकेश गुप्ता से जुड़े कई प्रकरणों की जानकारी मेरे संज्ञान में आने के बाद मैंने पूर्व मुख्यमंत्री को भी सारी जानकारी दी थी. पार्टी फोरम में भी तमाम तथ्यों को रखा था, लेकिन कोई न कोई प्रभावशाली व्यक्ति रहा है, जो उन्हें बचाता रहा है. ऐसे प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

मुकेश गुप्ता के खिलाफ लामबंद हो चुके पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने नए तथ्यों के आधार पर शिकायत दर्ज कराई है. कंवर ने गुप्ता के ऊपर अपराधियों के साथ गठजोड़ का आरोप लगाया है. कंवर ने अपने शिकायत में शेख जुल्फिकार के मामले का उल्लेख करते हुए कहा है कि उन्होंने टिकरापारा थाना में मोहम्मद अरसद, मोहम्मद आरिफ एवं अन्नू के खिलाफ 22 मार्च 2016 में एफआईआर दर्ज कराया था लेकिन उनकी गिरफ्तारी आज तक नहीं हुई है. मुकेश गुप्ता के प्रभाव की वजह से इस मामले को लंबित रखा गया.  उन्होंने कहा कि इन आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, जबकि शहर के कई थानों में इन आरोपियों के खिलाफ कई गंभीर मामलों में अपराध दर्ज है.

कंवर ने पत्र में लिखा है कि गोलबाजार थाना में मोहम्मद आरिफ और अरसद खान के खिलाफ अपराध दर्ज है. इनके खिलाफ गोलबाजार थाना में 25.07.2012 में हत्या के प्रयास सहित लगभग दर्जन भर धाराओं में अपराध दर्ज है. लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. कंवर ने आरोप लगाया है कि मुकेश गुप्ता विभाग के दूसरे अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके अपराधियों के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं करने देते हैं. कंवर का आरोप है कि पुलिस जो फर्जी मामले बनाती है उनमें इन अपराधियों का इस्तेमाल गवाहों के तौर पर किया जाता रहा है. निर्दोषों को फंसाकर पैसा मांगा जाता था, यदि पैसा मिल जाता था, तो गवाह को होस्टाइल करा दिया जाता था. एक अपराधी को कई-कई केसेज में गवाह बना दिया गया. पूर्व गृहमंत्री ने भूपेश बघेल को दी गई शिकायती पत्र में गोलबाजार थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी के आर सिन्हा की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि हत्या के प्रयास के आरोपी मो.आरिफ और अरसद खान को थाने बुलाकर बयान दर्ज कराया गया, लेकिन न्यायालय से नोटिस तामील होने के बाद उन्हें फरार बताया गया. कंवर ने सिन्हा को निलंबित करने की मांग की है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपे गए पत्र में क्राइम ब्रांच में पदस्थ रहे प्रधान आरक्षक नाग शर्मा की भूमिका पर भी सवाल खड़े किया गया है. ननकी राम कंवर का आरोप है कि प्रधान आरक्षक ने जेल मेन्युअल का उल्लंघन किया है और वह दिन में कई बार जेल में कैदियों के बैरक में जाता था. जेल में बंद कैदियों से अवैध उगाही जैसे आरोप लगाते हुए कंवर ने नाग शर्मा के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर ने लल्लूराम डाट काम से हुई बातचीत में कहा कि-

एक अपराधी जिसके खिलाफ एफआईआर हुआ है, उसे मुकेश गुप्ता गवाह बनाते थे. गलत काम करवाते रहे, लेकिन लोग डर की वजह से सामने नहीं आए. टीआई रह चुकी सविता दास यह कहती हैं कि मुकेश गुप्ता उन्हें लड़कियां सप्लाई के लिए कहते थे. एक अपराधी जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं. उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई. दूसरे को फंसाने के लिए उसे गवाह बना दिया गया. निर्दोष लोगों को फंसाकर पैसा मांगा जाता था. यदि पैसा मिल जाता था, तो गवाह को होस्टाइल करा दिया जाता था. एक अपराधी को कई-कई केसेज में गवाह बना दिया गया था. मुकेश गुप्ता के खिलाफ कई केसेज में जांच हो चुकी है. लेकिन मुझे लगता है कि जांच के बाद आई रिपोर्ट को दबा दी गई. टेलीफोन रिकार्डिंग के मामले में जांच हुई थी, लेकिन उसे दबा दिया गया. ऐसे शातिर व्यक्ति का प्रशासन में होने से इसका दुष्प्रभाव जनता पर पड़ेगा. मेरे कार्यकाल के दौरान यदि यह प्रकरण आया होता, तो मैं निश्चित रूप से कार्रवाई करता. मेरे संज्ञान में मामला आने के बाद मैंने पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह को भी यह जानकारी दी थी. पार्टी फोरम में भी तमाम तथ्यों को रखा था. केंद्र सरकार ने मेरी चिट्ठी के आधार पर चार बार राज्य शासन को पत्र भेजा, लेकिन कोई न कोई प्रभावशाली व्यक्ति रहा है, जो मुकेश गुप्ता को बचाता रहा. जो बचाते रहे हैं, उन प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.

गौरतलब है कि पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान भी ननकीराम कंवर ने सात पेज की अपनी शिकायत में आईपीएस मुकेश गुप्ता पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए थे. उन्होंने मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में मांग की थी कि गुप्ता की दूसरी पत्नी मिक्की मेहता की हत्या संदिग्ध है, लिहाजा इसकी जांच कराई जानी चाहिए. कंवर के पत्र के आधार पर डीजी जेल गिरधारी नायक को पूरे मामले की जांच का जिम्मा सरकार ने सौंप दिया था.