आकाश श्रीवास्तव, नीमच। वर्तमान में देश में धर्म, जाति और संप्रदाय को लेकर लोगों में विवाद की स्थिति है वहीं इस बीच एक अच्छी खबर भी सामने आई है। जैन संत के निधन पर मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने अपनी कीमती जमीन देकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम की है। उनके इस कदम की सभी समुदाय के लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार नीमच जिले के सिंगोली कस्बे में जैन संत श्री शान्तिसागर जी महाराज का गुरुवार की रात को देवलोक गमन हो गया। जिसके बाद समाज की रीति नीति के अनुसार उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाना था। दरसल दिशाशूल होने के कारण जिस जगह को समाधि के लिए चयन किया गया वह सिंगोली के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मुस्लिम युवक अशरफ मेव की थी। जैन समाज के लोग लाखों रुपए का ऑफर लेकर करीब रात 2.30 बजे अशरफ मेव की जमीन खरीदने के लिए उनके घर पहुंचे। मगर अशरफ ने यह कहकर पैसों का ऑफर ठुकरा दिया कि यह अल्लाह का आदेश है कि जैन संत की समाधि मेरी जमीन पर बने।

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इसके लिए आपको जितनी जगह जहां चाहिए ले लीजिए और रात को ही समाधि स्थल बनाने की जगह पर समाजजनों के साथ पहुंचे और आवश्यक जमीन दान में दे दी। इसके बाद अशरफ मेव की पूरे देश में सराहना होने लगी। बड़े-बड़े राजनेताओं और समाजसेवियों के आश्रम में उनके पास फोन आने लगे और उनके इस नेक काम की सभी ने प्रशंसा की। इसमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से लेकर कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा और तमाम लोग शामिल हैं।

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रविवार को मध्यप्रदेश सरकार में सुक्ष्म लघु उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने अशरफ मेव का जैन समाज जनों की मौजूदगी में अभिनंदन किया। इस नेक कार्य की तारीफ करते हुए इसे कौमी एकता की मिसाल बताया।

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