हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पिछले 50 सालों से इंदौर में देखी जा रही है। ईद पर हिंदू परिवार शहर काजी को बग्घी पर बिठाकर ढोल बाजों के साथ ईदगाह तक ले जाते हैं। ईद की नमाज होने के बाद फिर से हिंदू परिवार ससम्मान घर तक पहुंचाता है। हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल की शुरुआत 50 साल पहले की गई थी।
इंदौर शहर काजी डॉक्टर इशरत अली ने बताया कि यह परंपरा उनके वालिद साहब के समय वे देखते आ रहे है। जब सत्यनारायण सलवाड़िया के पिता रामचंद्र सलवाड़िया इंदौर शहर काजी को बग्गी पर लेकर ईदगाह तक लेकर जाते थे। इसके बाद देखते देखते ही उनके पुत्र सत्यनारायण सलवाड़िया ने भी शहर काजी को बग्गी पर सवार कर ईदगाह तक पहुंचाने की मिसाल को कायम रखा है, जो हिंदू मुस्लिम एकता की सबसे बड़ी मिसाल साबित हो रही है।
एक तरफ दिल्ली दंगों की तस्वीरें सामने आती है, तो कहीं खरगोन के दंगों की तस्वीर सामने आती हैं। इस बीच एकता की मिसाल इंदौर में दी जाएगी। पिछले 2 साल से कोरोना संक्रमण के कारण ईद नहीं मनाई गई थी।
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